Janskati Samachar
संपादकीय

कौन है, 'सोलर सरिता', जो केरल के सौर घोटाले के बारे में बहुत कुछ जानती है...?

केरल में हुए अब तक के सबसे 'विस्फोटक' घोटाले में जिस महिला की केंद्रीय भूमिका बताई जा रहा है, उसने कभी एक छोटे-से कस्बे से शेयर दलाल के रूप में करियर की शुरुआत की थी, और 36-वर्षीय सरिता नायर आज उस स्थिति में पहुंच गई है, जब उसकी वजह से राज्य सरकार गिरने के आसार पैदा हो गए हैं।

सरिता और उसके लिव-इन पार्टनर बीजू राधाकृष्णन पर आरोप है कि उन्होंने स्वच्छ ऊर्जा तथा सौर पैनल उपलब्ध कराने के वादे के बदले उद्योगपतियों से करोड़ों रुपये ऐंठे। यह आरोप भी लगा है कि इन दोनों ने ठेके हासिल करने के लिए बड़े-बड़े राजनेताओं के नामों का भी इस्तेमाल किया। और अब, सरिता-बीजू और उनके घोटाले से नाम जुड़ने की वजह से जिन राजनेताओं पर गाज गिरती नज़र आ रही है, उनमें मुख्यमंत्री ओमेन चांडी भी शामिल हैं।

स्कूल की टॉपर थी सरिता...
खैर, 'सोलर सरिता' बनने से पहले वह तिरुअनंतपुरम से लगभग 100 किलोमीटर दूर बसे अपने कस्बे चेनगन्नूर में अपने स्कूल में टॉपर रही थी। एक सरकारी अधिकारी ने बताया, "उसे आज भी अपने सारे नंबर याद हैं... अपने रजिस्ट्रेशन नंबर तक याद हैं... उसने 90 फीसदी से ज़्यादा नंबर हासिल किए थे, और उसे पढ़ाई-लिखाई में हासिल किए अपने नंबरों पर आज तक फख्र है..."

सरिता उस समय किशोरी थी, जब उसके क्लर्क पिता का देहांत हो गया था, और परिवार वित्तीय संकट से घिर गया। जब वह 18 साल की हुई, उसका विवाह किसी खाड़ी देश में काम करने वाले एक व्यक्ति से हो गया। अगले कुछ सालों में उसकी दो संतानें हुईं, और इस दौरान उसने इलेक्ट्रॉनिक्स, कम्युनिकेशन, एयरक्राफ्ट मैन्टेनेंस तथा इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल कर लिए।

पहली नौकरी शेयर ब्रोकर फर्म में
पढ़ाई-लिखाई के बाद सरिता ने एक शेयर ब्रोकर फर्म में नौकरी कर ली। उसकी अगली नौकरी केरल हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में थी, जिसने उसे ग्लैमर, पैसे और ताकत की दुनिया से परिचित करवा दिया। यहीं वह बीजू राधाकृष्णन से मिली थी, जो उस समय खुद भी विवाहित था।

दोनों का गठबंधन तब शुरू हुआ, जब उन पर अपने निवेशकों का पैसा धोखे से निकाल लेने के आरोप लगे। इसके बाद वर्ष 2006 में बीजू की पत्नी की मौत हुई। पुलिस के मुताबिक मौत 'अप्राकृतिक कारणों से' हुई थी, और कथित रूप से बीजू अस्पताल से ही फरार हो गया। तब सरिता और बीजू ने शहर छोड़ दिया, और तमिलनाडु के कोयंबटूर में नए सिरे से ज़िन्दगी की शुरुआत की।

कोयंबटूर में की नए सिरे से ज़िन्दगी की शुरुआत
सरिता अब नंदिनी नायर बन गई, और खुद को चार्टर्ड एकाउंटेंट बताने लगी। बीजू कभी खुद को स्ट्रैटेजिक इन्वेस्टर बताता था, और कभी-कभी वह खुद को ऐसा आईएएस अफसर बताता था, जिसने सौर तथा गैर-पारंपरिक ऊर्जा विषय में डॉक्टरेट हासिल करने के लिए नौकरी छोड़ दी है।

इसके बाद दोनों में कई बोगस कंपनियां स्थापित कर दीं, जिनके जरिये कम ब्याज पर ऋण देने के वादे किए गए, या निवेशकों को फर्जी योजनाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया गया।

"बड़े नामों का इस्तेमाल करने में माहिर"
मामले की जारी जांच तक पहुंच रखने वाले सूत्रों ने बताया, "ये लोग बड़े नामों का इस्तेमाल करने में माहिर थे... अगर सरिता किसी से किसी योजना के बारे में बात करती थी, और वह रुचि दिखाता था, तो अगला फोन बीजू की तरफ से किया जाता था, जो ऐसा ज़हिर करता था कि वह लंदन से बोल रहा है... ये दोनों फंक्शन आयोजित कर राजनेताओं को उनमें आमंत्रित किया करते थे, उनके साथ फोटो खिंचवाते थे, और अपनी पहचान का दायरा बढ़ाया करते थे..."

वर्ष 2010 आते-आते सरिता नायर तथा बीजू राधाकृष्णन के खिलाफ 20 से भी ज़्यादा मामले दर्ज हो चुके थे।

2011 में बनाई थी 'टीम सोलर'
इन्होंने वर्ष 2011 में 'टीम सोलर' बनाई। इन लोगों ने अपने नाम बदलकर लक्ष्मी नायर और डॉ आरबी नायर रख लिए, हालांकि कंपनी इनके वास्तविक नामों पर ही रजिस्टर्ड थी।

आधिकारिक बयानों से पता चलता है कि सरिता और बीजू ने पहले मुख्यमंत्री ओमेन चांडी के निजी स्टाफ से संपर्क किया, और टीम सोलर की ओर से एक राहत कोष में दान करने के बारे में बात की। कॉल रिकॉर्ड बताते हैं कि इसके बाद भी उन्होंने स्टाफ से संपर्क बनाए रखा।

सरिता ने कथित रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय से हासिल हुई जानकारी का इस्तेमाल लोगों पर नज़र रखने और अपने क्लायंटों को प्रभावित करने के लिए किया। उसने तब तक राज्य के कई मंत्रियों सहित बहुत-से राजनेताओं तक पहुंच बना ली थी। सरिता से कथित करीबी संबंध रखने वाले उनमें से एक मंत्री को उस समय इस्तीफा देना पड़ा था, जब उनकी पत्नी ने उन पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया था।

सरिता-बीजू पर छह करोड़ बनाने का आरोप
सरिता और बीजू पर 'सोलर घोटाले' में व्यापारियों को बेवकूफ बनाकर छह करोड़ रुपये बनाने का आरोप है। वर्ष 2013 में उनकी गिरफ्तारी से पहले भी उन्हें दो बार गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उन्हें जमानत मिल गई थी।

बीजू की पत्नी की मौत, जिसे पहले आत्महत्या करार दिया गया था, का मामला जांच के लिए क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया। इसके बाद बीजू को पत्नी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया, और फिलहाल वह उम्रकैद काट रहा है।

सरिता के खत में कई वीआईपी के नाम दर्ज
जेल में सरिता ने एक पत्र लिखा, जिसमें कई वीआईपी लोगों के नाम दर्ज हैं, और उसे कोर्ट के हवाले किया जाएगा। जेल के पूर्व अधिकारी एलेक्जेंडर जैकब ने जांचकर्ताओं को बताया है कि उनके पास सरिता से जेल में मिलने के लिए कई राजनेताओं समेत बहुत-से हाई-प्रोफाइल लोगों के अनुरोध आए थे।

अब इन कथित ठगों, जिन्होंने शायद ही कभी किसी व्यापारी से 50 लाख रुपये से ज़्यादा बड़ी रकम ठगी होगी, की सत्ता और राजनैतिक रूप से ताकतवर लोगों से नज़दीकियां ही उन्हें डुबोने का काम कर रही हैं।
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