Janskati Samachar
उत्तर प्रदेश

सहारनपुर हिंसा के लिए योगी सरकार दोषी : राहुल गांधी

सहारनपुर हिंसा के लिए योगी सरकार दोषी : राहुल गांधी
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सहारनपुर । प्रशासन की रोक के बावजूद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहारनपुर पहुंच गए। हालांकि वहां प्रवेश को लेकर पुलिस अधिकारियों से उनकी बहस भी हुई। राहुल गांधी के साथ गुलाम नबी आजाद और राज बब्‍बर समेत कांग्रेस के कई नेता हैं। वह हरियाणा होते हुए सहारनपुर पहुंचे हैं। आप को बता दें की सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव जाने से रोके गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज नई दिल्ली से सड़क मार्ग से आकर जिले के बार्डर पर शब्बीरपुर गांव की हिंसा से पीडि़त परिवार के लोगों से भेंट की। राहुल गांधी सहारनपुर के सरसावा बार्डर पर पीडि़त परिवार के लोगों से मिले। उसके बाद वापस नई दिल्ली लौट गए।

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कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अनुमति न मिलने के बावजूद आखिरकार यूपी सीमा तक पहुंच गए और वहां स्थित पंजाब-हिमाचल ढाबे पर हिंसाग्रस्त शब्बीरपुर गांव के कुछ पीडितों से मिले। करीब पन्द्रह मिनट बात करने के बाद कहा कि शब्बीरपुर समेत अन्य स्थानों पर हुई हिंसा के लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार जिम्मेदार है। राहुल ने कहा कि पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के कारण ही हिंसा बढ़ी। वह पीडि़तों से मिलने सहारनपुर जा रहे थे लेकिन शासन-प्रशासन ने हिटलरशाही रवैया अपनाया और उन्हें घायलों तक से नहीं मिलने दिया। राहुल ने कहा कि वह शब्बीरपुर के कुछ पीडि़तों से मिलें हैं और उनके दर्द को समझा है। पीडि़तों ने भी उनसे यही कहा है कि यह सब पक्षपातपूर्ण रवैये के कारण हुआ है। राहुल गांधी ने योगी के साथ ही मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। राहुल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भी हिंसा की आग में जल रहा है और इसका फायदा पाकिस्तान को हो रहा है।

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मोदी सरकार हिंसा रोक पाने में विफल साबित हो रही है। उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर ही भाजपा की सरकार बनी लेकिन आज ऐसा कोई शहर नहीं बचा है जहां अपराध न बढ़े हों। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे राहुल गांधी सड़क मार्ग से ही दिल्ली लौट गए। कड़ी सुरक्षा के बीच राहुल गांधी यमुना पुल से करीब आधा किलोमीटर पैदल ढाबे तक आए और वापस भी आधा किलोमीटर पैदल गए। उनके साथ राजबब्बर व गुलाम नबी आजाद समेत कई नेता थे। राहुल के वापस जाने के बाद पुलिस-प्रशासन के अफसरों ने भी राहत की सांस ली। सड़कों से बैरियर हटाकर यातायात सामान्य कर दिया गया है।

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नई दिल्ली से सड़क मार्ग से जिले के शब्बीरपुर गांव जाने की तैयारी में निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष को जिले में प्रवेश की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद निजी विमान से आने का इरादा टालकर राहुल गांधी सड़क मार्ग से सहारनपुर की सीमा पर पहुंचे। उनको सहारनपुर में प्रवेश करने से रोकने के लिए जिले की सीमा को चारों ओर से सील कर दिया गया था। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहारनपुर पहुंंचे। उनके साथ यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राजबब्बर तथा प्रदेश के प्रभारी गुलाम नबी आजाद भी थे। प्रशासन ने उनको प्रवेश के रोकने के लिए सहारनपुर की सीमा को ही सील कर दिया था।

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राहुल गांधी को पुलिस ने सहारनपुर नहीं जाने दिया, इसी कारण उन्होंने पीडि़त परिवार से बॉर्डर पर ही मुलाकात की। राहुल को सरसवा इलाके में रोका गया। वहां पर यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) आदित्य मिश्रा समेत भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद थे। इसके बाद भी राहुल गांधी हिंसाग्रस्त इलाके के दौरे को लेकर अड़े हुए थे। वह सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पैदल ही रवाना हो गए। वहां से वह सरसावा पहुंच गए और पीडि़त परिवारों से मिले। प्रशासन की रोक के बावजूद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी सहारनपुर पहुंच गए। हालांकि वहां प्रवेश को लेकर पुलिस अधिकारियों से उनकी बहस भी हुई। राहुल गांधी के साथ गुलाम नबी आजाद और राज बब्‍बर समेत कांग्रेस के कई नेता हैं। वह हरियाणा होते हुए सहारनपुर पहुंचे हैं।

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महाराणा प्रताप जयंती के उपलक्ष्य में शोभायात्रा को लेकर पांच मई को शब्बीरपुर गांव में दलित-ठाकुरों में संघर्ष हो गया था। इसके बाद शुरू हुई सियासत में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर, रालोद के महासचिव जयंत चौधरी सहित कई लोग पहुंचे। 23 मई को बसपा सुप्रीमो मायावती गांव पहुंची थी। उनकी सभा से पहले और बाद में भड़की हिंसा में दलित युवक की मौत हो गई। इसके बाद शासन ने शब्बीरपुर में किसी भी बाहरी व राजनीतिक दल के जाने पर रोक लगा दी है।

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