अंधविश्वास। सिर काटकर आग के हवाले: जादू-टोना करने का था शक, भीड़ ने किया ऐसा काम
रोहिमापुर गांव में 29 सितम्बर को मौत से एक दिन पहले किशोरी रश्मि गौर ने गांव के दो लोगों का नाम लिया था और दावा किया था कि उनके ‘काला जादू’ करने की वजह से वह बीमार पड़ गई।
नई दिल्ली: भारत में अभी भी कई हिस्सों में अंधविश्वास अपने चरम पर है। अंधविश्वास के चक्कर में असम के कारबी आंगलोंग जिले में जादू-टोना करने के संदेह में एक महिला सहित दो लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी और फिर उनके शवों के सिर काट उन्हें आग के हवाले कर दिया। इस मामले में अभी तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
भीड़ ने दोनों पर 'काला जादू' करने का आरोप लगाया
घटना के बारे में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गुस्साई भीड़ ने दोनों पर 'काला जादू' करने का आरोप लगाया था, जिससे उनके अनुसार डोकमोका थाना क्षेत्र के रोहिमापुर गांव में एक किशोरी की मौत हो गई थी। जिला पुलिस अधीक्षक देबजीत देउरी ने बताया कि घटना गुरुवार को कुछ स्थानीय लोगों के शिकायत करने के बाद सामने आई।
'काला जादू' के चक्कर में पड़ी बीमार
ऐसा कहा जा रहा है कि रोहिमापुर गांव में 29 सितम्बर को मौत से एक दिन पहले किशोरी रश्मि गौर ने गांव के दो लोगों का नाम लिया था और दावा किया था कि उनके 'काला जादू' करने की वजह से वह बीमार पड़ गई। गौर की मौत के तीसरे दिन एक अन्य लड़की ने गांव के मुखिया के घर उन्हीं दोनों पर उस पर 'काला जादू' करने और इस वजह से उसके बीमार पड़ने का दावा किया था।
सिर काटकर आग के हवाले कर दिया
देउरी ने बताया, 'गांववालों ने इसके बाद रामवती और बीजॉय गौर की पीट-पीटकर हत्या कर दी और उनके शव पास ही एक पहाड़ी पर ले गए। वहां उन्होंने रश्मि गौर के अंत्येष्टि स्थल के पास उनके सिर काट उन्हें आग के हवाले कर दिया।'
नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है
उन्होंने बताया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और कार्यकारी मजिस्ट्रेट जिंटू बोरा ने घटना स्थल का दौरा किया और मिट्टी के नमूनों के अलावा चिता से अवशेष एकत्र किए। अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है और दो महिलाओं सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हथियार भी जब्त किए गए हैं। उन्होंने बताया कि बाकि आरोपियों की तलाश जारी है।