वो 'सेक्स स्कैंडल' जिसकी वजह से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार 'मीरा कुमार' के पिता 'जगजीवन राम' नही बन सके थे देश के प्रधानमंत्री.!
कई बड़े बड़े राजनेताओ की राजनीती सेक्स स्कैंडल की वजह से चौपट हुई है पूरी दुनिया में कई ऐसे राजनेता हुए है जिनका राजनैतिक जीवन सेक्स स्कैंडल की भेट चढ़ गया है इस तरह के स्कैंडल में कई राजनेता तो साजिश के शिकार भी हुए है इस तरह के आरोपों की सच्चाई साबित करते करते राजनेताओ पूरी जिन्दगी लग जाती है आज हम एक ऐसे ही सेक्स स्कैंडल का जिक्र कर रहे है जिसकी चपेट में आने से कदावर दलित नेता जगजीवन राम देश के पहले दलित प्रधानमंत्री बनने से चूक गए थे | हालांकि जगजीवन राम एक ईमानदार और अच्छी छवि के नेता थे वह जन लोकप्रिय नेता थे. लेकिन उनके बेटे सुरेश राम के एक सेक्स स्कैंडल के सामने आने के कारण राजनैतिक गलियारों में भूचाल आ गया था और इसी वजह से जगजीवन राम के प्रधानमंत्री बनने का सपना चकनाचूर हो गया था.
साल 1977 में इंदिरा गांधी की हार और जनता पार्टी की जीत के बाद जगजीवन राम प्रधानमंत्री पद के बड़े दावेदार थे लेकिन साल 1978 में सूर्या नाम की एक पत्रिका में जगजीवन राम के बेटे सुरेश राम की आपत्तीजनक तस्वीरें छपी जिसके बाद जगजीवन राम का नाम प्रधानमंत्री पद के दावेदारों में से हटा दिया गया | इन तस्वीरो में सुरेश राम एक महिला के साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाते हुए नजर आ रहे थे | हालांकि इस स्कैंडल पर जबरदस्त भूचाल तब आया जब पता चला की सूर्या पत्रिका की संपादक इंदिरा गांधी की बड़ी बहु मेनका गांधी थी इसके बाद इस सेक्स स्कैंडल को एक राजनैतिक साजिश का हिस्सा मानकर देखा जाने लगा.
इन तस्वीरो में सुरेश राम के साथ जो महिला दिख रही थी वह दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यवती कॉलेज की छात्रा थी हालांकि इन तस्वीरो के सामने आने के बाद सुरेश राम ने इस महिला से शादी भी कर ली थी लेकिन सुरेश की मौत के बाद जगजीवराम के परिवारवालों ने उसे अपनाने से मना कर दिया था. ऐसा कहा जाता है कि इस साजिश के पीछे जगजीवन राम की पार्टी के ही कई और बड़े नेताओ का हाथ था वह नहीं चाहते थे की जगजीवराम प्रधानमंत्री बने.