लखनऊ। भरष्टाचार का हव्वा खड़ा कर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भले आरजेडी का साथ छोड़ दिया हो, फिर सीएम पद की शपथ भी ले लिया है, लेकिन उनके 11 हजार 412 करोड़ रुपए के घोटाले पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इस गंभीर मामले की स्पेशल विजिलेंस कोर्ट में सुनवाई चल रही है। ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार अकेले हैं।
अनियमित्ता और भ्रष्ट्राचार को बढ़ाने के लिए गलत तरीके से सरकारी धन का गबन करने का आरोप है। पूरे मामले को लेकर विजिलेंस ने इसी सप्ताह केस दर्ज कर सुनवाई तेज कर दी है। शिकायत दर्ज करवाने वाले मोहन कुमार ने नीतीश कुमार और सुशील मोदी समेत 45 नेताओं को वेलफेयर स्कीन के पैसे हड़पने का आरोपी बनाया गया है।
इन योजनाओं का पैसा गबन करने का है आरोप
1- मनरेगा 2- वाटर रिसोर्स 3- ह्यूमन रिसोर्स 4- हेल्थ डिपार्टमेंट 5- सिंचाई विभाग 6- रोड डिपार्टमेंट 7- वित्त विभाग
इन सभी विभागों में घोटाले वर्ष 2002 से लेकर 2008 के बीच किए गए हैं। घोटाले में मुख्य रुप से चीफ मिनिस्टर रहे नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम रहे सुशील मोदी को आरोपी बनाया गया है।