नई दिल्ली। 2019 के आम चुनावो को लेकर बीजेपी भले ही ऊपरी तौर पर कुछ भी दावे कर रही हो लेकिन अंदरूनी तौर पर उसमे अब 2014 वाला आत्मविश्वास नहीं रहा। यही कारण है कि बीजेपी एक बार फिर परदे के पीछे से 350 लोकसभा सीटों पर रथयात्रा का आयोजन करने जा रही है। हालाँकि यह रथयात्रा राम मंदिर निर्माण के नाम पर होगी। जिसका नाम 'मिशन मोदी अगेन पीएम' रखा गया है। इतना ही नही रथयात्रा से पूर्व 22 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक अयोध्या में श्रीराम अश्वमेध महायज्ञ यज्ञ का आयोजन भी किया जा रहा है।
यह रथयात्रा 'मिशन मोदी अगेन पीएम' के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास दास वेदांती के सानिध्य में निकलेगी. यात्रा का मकसद नरेंद्र मोदी को 2019 में फिर से प्रधानमंत्री बनाने के लिए सरकार की कार्य योजनाओं को जनता तक पहुंचाने का है। 24 अक्टूबर को अयोध्या से निकलने वाली रथ यात्रा को लेकर बैठकों का दौर जारी है। राम जन्मभूमि न्यास सदस्य महंत राम विलास दास वेदांती की अगुवाई में निकलने वाली रथ यात्रा 8 राज्यों से होकर 350 लोकसभा क्षेत्रों तक पहुंचेगी। यात्रा का मकसद नरेंद्र मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना है और ये बड़ी जिम्मेदारी देश के कई बड़े संतों ने उठा ली है।
इतना ही नहीं 108 दिनों तक चलते वाली रथयात्रा से पहले अयोध्या में तीन दिवसीय श्रीराम अश्वमेघ यज्ञ भी होना है। जिसका मकसद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कराना है और साथ ही विपक्षी पार्टियों के संभावित महागठबंधन को नाकाम भी करना है। उन्होंने बताया कि यह रथ यात्रा अयोध्या से शुरू होकर सबसे पहले प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी के लोकसभा क्षेत्र वाराणसी जाएगी। इस यात्रा में पूर्व सांसद व महंत राम विलास वेदांती, तुलसी पीठाधीश्वर श्रीराम भद्राचार्य, काशी पीठाधीश्वर नरेंद्रानंद सरस्वती महाराज, जगदगुरू वासुदेवानंद सरस्वती समेत कई साधु संत शामिल होंगे। हालाँकि बीजेपी ने अभी तक इस प्रस्तावित रथयात्रा को लेकर ख़ामोशी बना रखी है। लेकिन माना जा रहा है कि इस रथयात्रा के लिए परदे के पीछे से बीजेपी ही काम कर रही है।