अटल बिहारी वाजपेयी का मोदी को संदेश 'राजा के लिए प्रजा में भेद नहीं हो सकता'

Update: 2018-08-17 04:15 GMT

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 2002 में हुए गुजरात के दंगों को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी काफी असहज थे। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। 27 फरवरी, 2002 की सुबह राज्य के गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में आगजनी हुई थी, जिसमें ट्रेन के एस-6 कोच में सवार 59 कारसेवकों की मौत हो गई थी। ये कारसेवक अयोध्या से आ रहे थे। आगजनी की घटना के तुरंत बाद गुजरात के विभिन्न हिस्सों में दंगे भड़क गए, जिसमें अल्पसंख्यक समुदाय को निशाना बनाया जाने लगा। उस दंगे की भीषणता ने देश-दुनिया का ध्यान खींचा और वाजपेयी चार अप्रैल को अहमदाबाद के दौरे पर गए। वहां वह शाह आलम रोजा अल्पसंख्यक शिविर भी गए और पीड़ितों से मुलाकात की और अधिकारियों को नसीहत दी।



उन्होंने कहा, 'बिना किसी भेदभाव के हर नागरिक की सुरक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है और पागलपन को मानवता के दमन की इजाजत नहीं दी जा सकती।' वाजपेयी की भावुकता ने उस कैंप में रह रहे करीब आठ हजार शरणार्थियों का दिल छू लिया, और अपनी तकलीफों के बावजूद उन्होंने वाजपेयी की संवेदनशीलता की तारीफ की। वाजपेयी ने कहा, गोधरा में जो हुआ, वह शर्मनाक है, पर गोधरा के बाद जो हुआ, वह कम निंदनीय नहीं है। पागलपन का जवाब पागलपन से नहीं दिया जा सकता। आग को आग से नहीं बुझाया जा सकता, आग को फैलने से रोकने के लिए पानी की जरूरत पड़ती है। जाहिर है, वाजपेयी गुजरात की स्थिति को लेकर काफी विचलित थे। दिल्ली लौटने से पहले उन्होंने हवाई अड्डे पर पत्रकारों को संबोधित किया था।



पत्रकार उनसे केंद्र की मदद और हालात वगैरह से संबंधित सवाल कर रहे थे। इस क्रम में उनसे जो आखिरी सवाल पूछा गया वह इतिहास का हिस्सा बन गया और उन्होंने इसका जो जवाब दिया वह आज भी हर सरकार के लिए नसीहत की तरह है। उनसे हुआ सवाल-जवाब कुछ इस तरह से थाः प्रश्नः प्रधानमंत्री जी, इस दौरे पर चीफ मिनिस्टर के लिए भी आपका कोई मैसेज है? वाजपेयीः चीफ मिनिस्टर के लिए मेरा एक ही संदेश है कि वो राजधर्म का पालन करें...राजधर्म...ये शब्द काफी सार्थक है...मैं उसी का पालन कर रहा हूं, पालन करने का प्रयास कर रहा हूं। राजा के लिए, शासक के लिए प्रजा प्रजा में भेद नहीं हो सकता... न जन्म के आधार पर न जाति के आधार पर न संप्रदाय के आधार पर... (बीच में) मोदीः हम भी वही कर रहे हैं साहेब वाजपेयीः मुझे विश्वास है कि नरेंद्र भाई यही कर रहे हैं... बहुत बहुत धन्यवाद।

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