ये वाक़ई नीचता की हद है ! इन्होंने संवैधानिक व्यवस्थाओं को अपने जूते की नोंक पर रख लिया है, आपको याद होगा जिस शाम को येदियुरप्पा कर्नाटक विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध करने वाले थे उस दिन दो भाजपा सांसदों बीएस. येदियुरप्पा और बी. श्रीरामुलु ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था वरिष्ठ पत्रकार Anil Jain बता रहे हैं कि 18 मई को इन दोनों सहित कुल तीन सदस्यों के इस्तीफे लोकसभा स्पीकर के पास पहुंचे थे। स्पीकर ने तीनों सांसदों के इस्तीफे तत्काल प्रभाव से मंजूर कर लिए थे।
येदियुरप्पा और श्रीरामुल के इस्तीफे मंजूर होने की सूचना 19 मई को लोकसभा सचिवालय के बुलेटिन के जरिये लोकसभा की वेबसाइट पर भी चिपका दी गई थी। इसी के साथ लोकसभा की वेबसाइट पर भाजपा के कुल लोकसभा सदस्यों की कुल संख्या 271 दिखाई गई थी, जिसमें येदियुरप्पा और श्रीरामुलु के नाम नहीं थे लेकिन महज तीन दिन बाद ही आश्चर्यजनक रुप से इन सूचनाओं में भारी फेरबदल हो गया।
येदियुरप्पा और श्रीरामुलु के इस्तीफे की सूचना वाला बुलेटिन लोकसभा की वेबसाइट से गायब हो गया और लोकसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या भी बढकर 274 हो गई, जिसमें येदियुरप्पा और श्रीरामुलु फिर से शामिल दिखाए गए। इसी संख्या में 25 मई को एक अंक का और इजाफा हो गया तथा यह संख्या 275 हो गई 70 वर्षों में ऐसा जादू किसी ने पहले कभी देखा है ?