बिहार: दलित नेता श्याम रजक और जिग्नेश मेवाणी ने की मुलाकात, नितीश के उड़े होश, भाजपा हुई नाराज, नीतीश से की कार्रवाई की मांग

Update: 2018-04-16 08:01 GMT

पटना: दलितों के सवाल पर बिहार में भी सियासत तेज है। पार्टियों की जहां दलित वोट बैंक पर अपनी-अपनी दावेदारी है वहीं पार्टी में नेता अपने हित के लिए दलित मुद्दे पर राजनीति करने से भी पीछे नहीं हैं। जेडीयू में पूर्व मंत्री और विधायक श्याम रजक दलित मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते नजर आ रहे हैं।गुजरात चुनाव से चर्चा में आए जिग्नेश मेवाणी से पिछले दिनों श्याम रजक ने मुलाकात कर पार्टी के लिए नई मुसीबत भी खड़ी कर दी है। इस पर बीजेपी के कई नेता नाराज हैं और प्रवक्ता राजीव रंजन ने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कार्रवाई करने तक की मांग की है।श्याम रजक मंत्री नहीं बनाए जाने से काफी पहले से खफा हैं। पार्टी में श्याम रजक का पहले वाला कद भी नहीं रहा लेकिन इसके बाद भी खुलकर नीतीश कुमार का विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।



पिछले कुछ महीनों से दलित के सवाल पर बिहार में पार्टी से अलग अपनी डफ़ली जरूर बजा रहे हैं। इधर श्याम रजक ने कोई नया संगठन बनाने से भी इंकार किया है और कहा कि हम जेडीयू के बोनाफाइट सदस्य हैं और जेडीयू में रहते हुए ये काम करेंगे। हालांकि पूरे मामले में पार्टी का कोई भी वरीय नेता श्याम रजक को लेकर कुछ भी बोलने से बच रहा है। जेडीयू नेताओं की मानें तो शीर्ष नेतृत्व यानी नीतीश कुमार की पूरे मामले पर नजर है। श्याम एक तरफ जेडीयू के वफादारी की बात करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी से अलग रास्ते पर चलने की कोशिश भी करते हैं। श्याम रजक का दावा है कि उनके साथ सभी दल के लोग हैं। दो अप्रैल के आंदोलन में बीजेपी के रामप्रीत पासवान, दिनकर राम के साथ चार एमएलए थे। 

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