बिहार में चलने लगी है तेजस्वी की लहर, नीतीश एंड कंपनी के उड़े होश!

Update: 2017-08-19 05:29 GMT

पटना:बिहार में सत्ता का परिवर्तन ऐसा हुआ है कि सीएम तो नितीश कुमार है लेकिन उनको सहयोग देने वाली सरकार में शामिल पार्टी बदल गयी है इस प्रकार भाजपा जनता दल यूनाइटेड और बिहार की कई छोटी पार्टियों के एक साथ होने से एनडीए पेपर में बहुत मजबूत है मगर राष्ट्रिय जनता दल और कांग्रेस के गठबंधन के पक्ष में भी सहानुभूति की लहर है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि जनता दल यूनाइटेड ने अपने कार्यकर्ताओ से भाजपा और जनता दल यूनाइटेड की संभावनाओ पर फीडबैक लिया है बिहार सीएम को जो फीडबैक मिला है उसके अनुसार अगर अभी चुनाव हुए तो राजद और कांग्रेस का गठबंधन कड़ी टक्कर दे सकता है इसके पीछे वज़ह मुस्लिम-यादव और दलितों की कई जातियों में तेजस्वी के पक्ष में सहानुभूति बताई जा रही है.



जनता दल यूनाइटेड को ग्राउंड से जो संकेत मिले है उसके अनुसार कई सालो बाद यादव और मुस्लिमो में रजद के लिए इस कदर धुर्विकरण है राज्य में इन दो समुदायों का ही वोटबैंक करीब 32 फीसद हो जाता है वही राज्य के 16 परसेंट दलितों में राजद का जाटव समुदाय में दायरा फैला है इस प्रकार जातिगत समीकरण में राजद और कांग्रेस भी मजबूत हो चुकी है. JDU ने बनाई नयी रणनीति जनता दल यूनाइटेड ने नयी रणनीति अपनाई जिसके तहत एक बार फिर पसमांदा समाज के मुस्लिमो को पार्टी की तरफ लाया जायेगा,सरकार पसमांदा मुस्लिमो के लिए कई घोषणा कर सकती है. पार्टी कैडर मुस्लिम समाज को बतायेगा कि राजद अपरकास्ट मुस्लिमो की पार्टी है,जनता दल यूनाइटेड का मानना है कि अगर मुस्लिम में थोडा भी बटवारा हो जायेगा फिर लालू अपने आप कमज़ोर हो जायेंगे. हलाकि नीतीश कुमार के लिए मुस्लिमो के लिए नीति बनाना आसान नही है मोदी मय हुयी भाजपा भी अपने वोटर को सेकुलर होने का संकेत नही दे सकती है क्युकि ऐसा करके उसका हिंदुत्व वोटबैंक निराश हो सकता है.

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