बिहार: हाईकोर्ट ने सीएम नीतीश पर लगाया 20 हजार रुपये का जुर्माना:जानिए क्या है पूरा मामला

Update: 2017-08-05 04:36 GMT

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुस्तक प्रकाशन में कॉपीराइट उल्लंघन के एक मामले में कानूनी प्रक्रिया के दुरुपयोग में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगा दिया है। हालांकि नीतीश के वकील ने कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगे। जनता दल के प्रमुख नीतीश कुमार के खिलाफ कॉपीराइट का यह मामला जेएनयू के शिक्षाविद से नेता बने अतुल कुमार सिंह ने दाखिल की है।


उन्होंने आरोप लगाया कि पटना स्थित 'एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री)' द्वारा अपने सदस्य सचिव शैबाल गुप्ता के जरिए और मुख्यमंत्री कुमार के अनुमोदन से प्रकाशित पुस्तक 'स्पेशल कैटेगरी स्टेटस : ए केस फॉर बिहार' उनके शोध कार्य का चुराया हुआ संस्करण है। मुख्यमंत्री की ओर से हाईकोर्ट दाखिल अर्जी में कहा गया था कि उनका अन्य प्रतिवादियों और पुस्तक से किसी तरह का प्रत्यक्ष या परोक्ष संबंध नहीं है। कुमार ने कहा कि उन्होंने इस पुस्तक को केवल अनुमोदित किया है, लिखा नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट को बताया कि इस वाद को लेकर उनके खिलाफ कोई मामला नहीं बनता और उन्हें द्वेषपूर्ण मंशा से शर्मिंदा करने के लिए पक्षकार बनाया गया है।


हाईकोर्ट ने कुमार की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि 'जेएनूय के दो सुपरवाइजरों ने शिक्षाविद अतुल कुमार सिंह की कृति की वास्तविकता को प्रमाणित किया है और इसे पुस्तक विमोचन से एक दिन पहले 14 मई, 2009 को विमोचित किया गया।' हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रतिवादी संख्या एक (नीतीश कुमार) के खिलाफ याचिकाकर्ता अतुल कुमार सिंह को मुकदमा करने का अधिकार देने के पर्याप्त कारण हैं।हाईकोर्ट ने कहा कि नीतीश कुमार द्वारा वर्तमान अंतरिम आवेदन कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग है, ऐसे में इसे 20 हजार रुपये जुर्माने के साथ खारिज किया जाता है। 

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