बिहार: सृजन घोटाले पर नीतीश ने दी ऐसी सफाई कि हंस कर हो जायेंगे लोट-पोट:जानिए क्या कहा सुसाशन बाबू ने

Update: 2017-08-20 04:36 GMT

पटना:बिहार के सीएम नीतीश कुमार के लिए सृजन घोटाला एक ऐसा सिरदर्द बना है जिसपर उन्हें कोई जवाब नही सूझ रहा है.नीतीश कुमार अपनी छवि को धूमिल होते देख ऐसा सफाई देने लगे कि उनके शुभचिंतको का भी सर चकरा जायेगा.नीतीश ने सृजन घोटाले पर सफाई देते हुए कहा कि इस घोटाले के बारे में मैंने पहले ही जनता को बता दिया था. अब बिहार की जनता उन से ज़रूर पूछ रही है सुसाशन बाबू आप प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं या या किसी बंगले के चौकीदार, जब आप को पता था तो तुरंत करवाई क्यों नहीं की आप का यह तर्क हज़म नहीं हो रहा है. दरअसल नीतीश कुमार ने 9 अगस्त को एक सभा के दौरान कहा था कि भागलपुर में सरकारी खजाने का फर्जी व्यवसाय से एक ज़गह से दूसरी जगह ट्रान्सफर किया गया. हलाकि भागलपुर में एक एनजीओं द्वारा सरकारी पैसे के दुरुप्रयोग की कई शिकायते बहुत पहले से सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा की गयी थी,सामाजिक कार्यकर्त्ता और इस मामले को सबसे पहले उठाने वाले संजीत कुमार ने साल २०१३ में ही इस घोटाले की शिकायत की थी लेकिन ना तो शासन ने ही सुना और ना ही नीतीश सरकार ने सुना,उलटा उनके डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने सीबीआई जांच की बात कह कर टाल दी लेकिन जैसे ही मामले का शोर कम हुआ तो मामला दबा दिया गया. ये तो भागलपुर में तैनात आईएस अमित कुमार की इमानदारी थी जो उन्होंने एक बाउंस चेक के मामले की जांच में इतनी बड़ी अनियमितता पकड ली थी वरना सालो साल से चल रहा ये सिलसिला टूटता नही.अब अगर नीतीश कुमार ये कहकर अपना बचाव कर रहे है फिर इसको क्या समझा जाये?


आखिर जनता को बता भी दिया तो क्या, इतना बड़ा करप्शन कैसे हुआ? बिलकुल साफ है इस अरबो रूपये के इस घोटाले में सरकार भी कहीं ना कही तक ज़रूर शामिल है इतनी बड़ी रकम खातो से निकल जाए और सरकार ये कह रही है फर्जी चेक से पैसा निकाल लिया लेकिन नीतीश कुमार को ये भी बताना चाहिए कि इतनी बड़ी रकम सरकारी खातो से निकलती रही लेकिन सरकार को पता कैसे नही चला? उत्तर बिलकुल साफ़ है सरकार इसमें चाहे पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से शामिल ज़रूर रही है.



आज तक के अनुसार नीतीश कुमार ने कहा कि चेकबुक के बारे में डीएम को पता नहीं है. चेकबुक संस्था के पास बैंक की मिलीभगत से चला जाता था. मामले में फर्जी हस्ताक्षर कर पैसे निकाले गए. जब चेक बाउंस हुआ, तब पता चला.बिहार सीएम का ये तर्क इस कोशिश के रूप में देखा जा सकता है कि बिहार सीएम कह रहे है कि घोटाला तो बस बैंक और संस्था के बीच का है सरकार निर्दोष है.



 पर बिहार सीएम नीतीश कुमार से फिर वही सवाल करोडो करोडो रुपया सरकार के खातो से निकलता गया लेकिन सरकार जान नही पायी आखिर ये कैसे हुआ वो भी काई सालो से?..सरकारी लेनदेन का भी ऑडिट होता है अगर फर्जी साइन करके पैसा निकला फिर इतने वर्ष तक सरकार नही जान पायी ये बात तो सिर्फ नीतीश कुमार ही हज़म कर सकते है लेकिन कोई और या बिहार की जनता कैसे हज़म करेगी.

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