पांच दिवसीय सीरीज का फाइनल मैच बहुत ही रोमांचक रहा पहले टॉस जीतकर बीजेएमसी सेकंड ईयर की टीम ने गेंदबाजी का फैसला लिया इसके जवाब में फर्स्ट ईयर की टीम ने .
15 ओवर में 10 विकेट के नुकसान पर 95 बनाकर 96 रन का लक्ष्य दिया इस आसान से लक्ष्य को सेकंड ईयर की टीम ने मात्र 3 विकेट के नुकसान पर 13 ओवर में पूरा करके सीरीज अपने नाम कर लिया.
फर्स्ट ईयर की पारी की शुरुआत कप्तान वैभव फौजदार और अनमोल ने की दोनों का कंबीनेशन काफी अच्छा था पर वैभव मोइन के ओवर में ही बाउंड्री पर दीपक द्वारा लिए गए कैच में आउट हो गए पर दूसरी तरफ अनमोल ने पारी को संभाल कर रखा हुआ था और मैच को तेजी से आगे लेते जा रहे थे पर वहीं दूसरी तरफ नॉन स्ट्राइकर एंड पर किसी भी खिलाड़ी ने अनमोल का कोई खासा साथ नहीं दिया जिसके कारण पूरी टीम मात्र 95 रन पर आउट हो गई( क्षितीज आदित्य आशीष और अंबुज) पूरी दबाव में दिखे जिसके कारण अपना विकेट जल्दी दे दिए गेदबाजी में सेकंड ईयर की तरफ से मोइन ने 2 शाहदाब ने 1 दीपक ने 1 वीरेन ने 3 और रजत ने 2 विकेट निकाले.
96 रन का आसान से लक्ष्य का पीछा करते हुए सेकंड ईयर की पारी की शुरुआत संदर्भ और मोइन ने की संदर्भ बिना खाता खोले ही 0 पर ही पवेलियन लौट गए उसके बाद शाहदाब आए और वह भी जल्दी पवेलियन लौट गए पर कप्तान दीपक और मोइन के साझेदारी ने टीम को लक्ष्य के बहुत करीब ले गए और मोइन के शानदार अर्धशतक पारी ने सेकंड ईयर की टीम को मैच जीता दिया फर्स्ट ईयर की तरफ से गेंदबाजी में 2 विकेट आशीष 1 विकेट आदित्य ने निकाला कप्तान फौजदार ने विकेट तो नहीं निकाला लेकिन अपने 4 ओवर के स्पेल में 2 ओवर मेडन डालें.
मोइन आज अपने पूरे फॉर्म में दिखे मोइन ने 25 गेंदों में तीन छक्कों और चार चौकों की मदद से अपना शानदार अर्धशतक पूरा किया और अपने शानदार अर्धशतक का श्रेय अपनी पूरी टीम को दिया मोइन ने जूनियर्स की काफी तारीफ की मोइन ने प्रेसवार्ता में बोला ( हमारे जूनियर्स शुरुआत से ही काफी अच्छा खेले और हम पर पूरा दबाव बनाए रखें पर वह थोड़ा दबाव में थे और हम बिल्कुल ठंडे दिमाग से खेल रहे थे जिसके कारण हम मैच जीत गए हम लोगों को जूनियर को हल्के में नहीं लेना चाहिए वह हमसे बस थोड़ा सा कमजोर हैं ज्यादा नहीं बाकी मैं अपनी टीम को धन्यवाद देना चाहूंगा टीम ने मुझ पर भरोसा किया और मुझे हर मैच में खेलने का मौका दिया ).
लेग अंपायर हिमांशु शर्मा के गलत डिसीजन से पूरा मैच पलटा अंपायर हिमांशु शर्मा ने हाई फुलटॉस और नो बॉल के कनफ्यूजन में हाई फुलटॉस को नो बॉल दे दिया पावर प्ले के आखरी ओवर मैं क्षितिज सोनकर के पहली हाई फुल टॉस गेंद पर मोइन कैच आउट हो गए पर अंपायर हिमांशु शर्मा ने उसे नो बॉल दे दिया जिसके कारण मैच कुछ समय तक रूका रहा और फिर बाद में रि बॉल से मैच शुरू हुआ और उसके बाद मैच पूरा चेंज हो गया सातवें ओवर में मोहक की गेंद पर मोइन को एक जीवनदान भी मिला और वहां से मैच बिल्कुल सेकंड ईयर की तरफ चला गया.
पांच दिवसीय सीरीज मैच में मैन ऑफ द सीरीज वैभव फौजदार रहे मैन ऑफ द मैच मोईन रहे बेस्ट बॉलर वैभव फौजदार और बेस्ट फील्डर दीपक चौधरी रहे.
कप्तान दीपक चौधरी ने प्रेसवार्ता में बोला( हमारी टीम ने बहुत अच्छा खेला हमारी गेंदबाजी बहुत अच्छी थी हमने अपना धैर्य नहीं खोया मैं जीत का श्रेय अपनी टीम को देना चाहूंगा जूनियर्स अच्छा खेलते हैं पर उनको अभी अनुभव की कमी है वह क्रिकेट सम्मानजनक तरीके से नहीं खेलते हैं जिसके कारण वह अपना विकेट जल्दी दे देते हैं कौनसा और कब खेलना चाहिए किस समय खेलना चाहिए यह भी उनको अच्छे से अनुभव नहीं है बाकी उन्होंने पूरे सीरीज में काफी बेहतर खेला शुरू के दो मैच तुक्के से जीत गए थे).
कप्तान फौजदार ने प्रेसवार्ता में बोला( सबसे पहले अपने सीनियर्स को तहे दिल से शुक्रिया करूंगा जिन्होंने काफी अच्छा और उंदा परफॉर्मेंस दिया रोज के मुकाबले हमारी टीम ने फाइनल मैच में उतना अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाए जितना उन्हें करना चाहिए था फाइनल मैच के दबाव के कारण हम अपना धैर्य बरकरार नहीं रख पाए इसके कारण विकेट जल्दी गिरते गए और कुछ अंपायर के गलत डिसीजन के भी कारण मैच पलट गया बाकी मैं अपने सीनियर्स को बधाई देना चाहता हूं).
पत्रकार गौरव कांत जायसवाल सहायक पत्रकार वैष्णवी डंगवाल