महाराष्ट्र में भाजपा को करारा झटका? टूटने जा रहा शिवसेना और भाजपा का गठबंधन

Update: 2018-07-23 02:30 GMT

राजनीतिक पंडितों का कहना था कि आखिरकार TDP और कांग्रेस को इस अविश्वास प्रस्ताव से क्या हासिल हुआ वो इसे एक बेकार की कवायद बता रहे थे लेकिन अविश्वास प्रस्ताव की बहस भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में जनमत के निर्माण में एक अहम भूमिका निभाती आयी है और सभी छोटे बड़े दलों को अपनी स्पष्ट राय देश को बताने का मौका इसी बहस में मिलता हैं। जी हां हिंदुत्व की राजनीति के इतिहास में मील का पत्थर माने जाने वाला शिवसेना और भाजपा का गठबंधन अब टूटने जा रहा है यह 2019 के लिए एक निर्णायक संकेत भी माना जा सकता है क्योंकि उत्तर प्रदेश और बिहार के उपचुनाव दर्शा चुके हैं कि अब मोदी की राह उतनी आसान नही है।



अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से गैरहाजिर रहकर और फिर लोकसभा में मोदी बनाम राहुल की लड़ाई में कांग्रेस अध्यक्ष को विजेता कह कर शिवसेना ने अपना मन्तव्य पहले ही स्पष्ट कर दिया था। शिवसेना नेता संजय राउत ने प्रस्ताव के अगले दिन बयान देते हुए अविश्वास प्रस्ताव की तुलना फुटबॉल के वर्ल्ड कप से की और प्रधानमंत्री मोदी को फ्रांस जबकि राहुल गांधी को क्रोएशिया बताया। उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि जिस तरह फीफा वर्ल्ड कप में फ्रांस ने जीत दर्ज की, लेकिन क्रोएशिया ने अपने खेल से सबका दिल जीत लिया। शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में पीएम को गले लगाते हुए राहुल गांधी की तस्वीर छापी और लिखा कि भाई, आपने हमें जीत लिया।



बीजेपी एक बार के लिए वोटिंग से शिवसेना के गैरहाजिर रहने को बर्दाश्त कर भी ले लेकिन दुश्मन नंबर एक राहुल गांधी की यह तारीफ शायद मोदी-शाह की जोड़ी को रास नही आयी, कल शिवसेना के इस मूव का जवाब देते हुए अमित शाह ने महाराष्ट्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं को सभी 48 लोकसभा और 288 विधानसभा सीटों पर अकेले लड़ने के लिए संगठन मजबूत करने के निर्देश दिए. आज भी उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में मोदी पर हमलावर रुख अपनाया है। यह साफ संकेत है कि अब शिवसेना भाजपा गठबंधन इतिहास की बात हो गया है यह भाजपा को 2019 के लिए लगा सबसे बड़ा झटका है।

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