BREAKING: नीतीश पर गहराए संकट के बादल, बागी हुए 12 राज्यों के अध्यक्ष!

Update: 2017-08-03 14:55 GMT

जनता दल यूनाइटेड में बगावत धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। अभी तक शरद यादव पर राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने के लिए दबाव बनाने वाले नेता अब खुलकर सामने आ गए हैं। जदयू के 12 राज्यों के अध्यक्षों ने अब पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मांग की है, कि वे तत्काल राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाएं। पार्टी नेताओं की तरफ से लिखा गया पत्र काफी तल्ख है, इसमें उन्होंने यह भी कहा है, कि अधिवेशन बुलाए जाने की घोषणा उन्हें पत्र के माध्यम से दी जाए, ना कि मीडिया के माध्यम से। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जदयू नेता शरद यादव मंगलवार को पत्रकार वार्ता करने वाले थे, पर ऐन वक्त पर उनके गुट ने रणनीति बदल दी।



शरद समर्थक कोई भी ऐसा कदम उठाना नहीं चाहते, जिससे पार्टी की संभावित टूट के लिए उन्हें जिम्मेदार माना जाए। शरद यादव ने भी कल और आज मीडिया के सामने अपना जो पक्ष रखा, उसमें किसी प्रकार की तल्खी नहीं थी, उसके उलट नीतीश कुमार ने कल की अपनी पत्रकार वार्ता में देशभर के पार्टी संगठन को नकार दिया। उन्होंने कहा था, कि बिहार के अलावा जदयू का अस्तित्व कहीं है ही नहीं, इसलिए NDA में शामिल होने से पहले उन्होंने बिहार में अपनी पार्टी के लोगों से पूछ लिया था। इधर, दूसरे प्रदेशों के अध्यक्षों की तरफ से लिखी गयी चिट्ठी में कहा गया है, कि जिन ताकतों के खिलाफ हमने चुनाव लड़ा, आज उन्हीं के साथ खड़े हैं। पत्र में लिखा है, कि जब एनडीए से संबंध तोड़ने का निर्णय लिया गया था, तब राष्ट्रीय सम्मेलन बुलाकर विस्तृत चर्चा की गई थी, जिसमें तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव और नीतीश कुमार को इस संबंध में फैसला लेने के लिए अधिकृत किया गया था।



लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। सारे घटनाक्रम की जानकारी संचार माध्यम से मिल रही है, जिससे लोकतंत्र और पार्टी संविधान में भरोसा रखने वाले अनेक साथियों के मन में असंतोष, असमंजस और चिंता उभर आई है। पत्र में यह भी कहा गया है, कि इस निर्णय में दोनों वरिष्ठ नेताओं की राय एक न होने के कारण पार्टी टूट की कगार में पहुंच गई है। आपको बता दें कि अभी तक जिन 12 राज्यों के अध्यक्षों ने नीतीश कुमार को पत्र लिखा है, उनमें तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, नागालैंड जैसे राज्य शामिल हैं। माना जा रहा है, कुछ और राज्य इस मुहिम में शामिल हो सकते हैं।

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