प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन विरोधी नीतियों का बड़े स्तर पर विरोध होना शुरू हो गया है. अभी हाल ही में GST का मेला सम्पन्न हुआ है, मोदी के मंत्री GST का बखान कर रहे हैं, वहीँ पीएम मोदी के गृह राज्य इस का भारी विरोध शुरू हो गया है. सूरत में 75000 व्यापारियों ने भाजपा से नाराज होते हुए इस्तीफा दे दिया है।
जीएसटी के विरोध में इतनी बड़ी संख्या में व्यापारियों का नाराज होना और इस्तीफा देना भाजपा के लिए इसलिए भी चिंता का विषय होना चाहिए क्योंकि व्यापारी ही उनका प्रमुख वोट बैंक है। पिछले 2 सालों से भाजपा के लिए गुजरात में कुछ भी सुखद नहीं हो रहा है । पहले उनका वोट बैंक माने जाने वाला पाटीदार समाज हार्दिक पटेल की अगुवाई में उनके खिलाफ उठ खड़ा हुआ, उसके बाद गौरक्षकों की गुंडई के कारण ऊना कांड के ठीक बाद जिस तरह से दलितों ने भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला उससे राज्य सरकार में बेचैनी आ गई।
अब रही सही कसर भाजपा के कोर वोटर माने जाने वाले व्यापारियों ने पूरी कर दी। पिछले हफ्ते देशभर में लागू हुए जीएसटी के विरोध में सड़क पर उतरे व्यापारियों पर जिस तरह से लाठीचार्ज हुआ, उससे नाराज होते हुए लगभग 75,000 व्यापारियों ने इस्तीफा दे दिया। जिसमें प्रमुख रुप से कपड़ा व्यापारी थे । कपड़ा व्यापारी संगठनों के विरोध के बाद अगर यह आक्रोश फैलता हुआ समूचे व्यापारी वर्ग में आ गया तो फिर गुजरात का तीन बड़ा तबका खोकर भाजपा बड़ा नुकसान सहने वाली है। तमाम वर्गों की नाराजगी इसलिए भी अहम है कि कुछ ही महीने में गुजरात में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं । और अगर लोग इस तरह से नाराज रहे तो चुनाव के परिणाम चौंकाने वाले होंगे।