पटना। बिहार में सत्ताधारी महागठबंधन का महाभारत एक-दो दिन थमने के बाद फिर तेज है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मंगलवार शाम हुई मुलाकात के बाद चर्चा थी कि अब सबकुछ ठीक हो रहा है। इसके एक दिन बाद से फिर राजद व जदयू नेताओं के बीच नए सिरे से आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चल पड़ा है। जदयू ने 'महागठबंधन धर्म' को 'हठधर्म' से बड़ा बताया है ताे कांग्रेस और राजद ने जदयू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पहले शिवानंद ने उगली आग
पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुर्सी के लिए मुन्ना शुक्ला और सूरजभान जैसे नेताओं के सामने हाथ जोड़ते रहे हैं। उन्हें अपनी साफ -सुथरी छवि की बात नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश को भाजपा मौका पड़ने पर समर्थन देने की बात कह चुकी है, जिसका उन्होंने प्रतिवाद नहीं किया है। उनके मौन का मतलब है कि उनका भाजपा से समझौता हो चुका है।
जदयू ने किया पलटवार
इसके बाद जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने पलटवार करते हुए कहा कि शिवानंद की राजनीति में कोई औकात नहीं है। वे राजनीति के त्रिशंकु बन गए हैं। कहा कि शिवानंद राजनीतिक मोक्ष के लिए राज्यसभा जाना चाहते हैं। साथ ही नीरज ने किसी का नाम लिए बिना डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को भी घेरा। कहा कि 'जिन पर आरोप लगे हैं, उनका जवाब अब तक जदयू को नहीं मिला है। आखिर वे कब तक मौन रहेंगे?'
तेजस्वी के समर्थन में आई कांग्रेस
इसके बाद कांग्रेस के दिलीप चौधरी ने जदयू को घेरते हुए कहा कि आखिर तेजस्वी यादव किस-किस को स्पष्टीकरण दें। कहा कि महागठबंधन में महासंकट टल चुका है। तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं, तब किस बात के हठधर्म की बात हो रही है। उन्होंने जदयू को संयमित बयान देने की नसीहत भी दी।
यह है मामला
विदित हो कि सीबीआइ ने बीते सात जुलाई को राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के पटना सहित देशभर के 12 ठिकानाें पर छापेमारी की थी। आरोप है कि लालू जब रेलमंत्री थे, तब उन्होंने रेलवे के दो होटलों को एक निजी कंपनी को लीज पर दिलाई और उसके बदले उन्हें अवैध लाभ पहुंचाया गया। इस मामले में सीबीआइ ने लालू प्रसाद और उनके डिप्टी सीएम बेटे तेजस्वी यादव व अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार की एफआइआर दर्ज की है। एफआइआर दर्ज होने के बाद भाजपा ने तेजस्वी यादव के इस्तीफे या बर्खास्तगी की मांग की है। जदयू ने भी तेजस्वी से जनता के सामने आरोपों की सफाई देने की मांग की। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव तथा ख्रुद तेजस्वी यादव सफाई या इस्तीफा देने से इन्कार कर चुके हैं।