गौरक्षा के नाम पर कैसे चल रहा गौमांस व्यापार का गोरखधंधा? पढ़ें पूरी खबर

Update: 2017-07-19 05:36 GMT

नई दिल्ली: गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी वाले गौरक्षकों की सच्चाई बिलकुल अलग है। गौरक्षा करने का दिखावा करने वाले ये लोग धड़ल्ले से गौमांस का व्यापार चला रहे हैं। ये लोग पैसों के बदले गायों से भरी पूरी ट्रक सुरक्षित रवाना करवाने की जिम्मेदारी लेते हैं।


आजतक के मुताबिक, दिनभर गाय 'माता' की सुरक्षा के नारे लगाते और रात में उसी गौमाता को बेचने वाले इन गुंडों के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। अनगांव में गौशाला चला रहे वासुदेव पाटिल श्रीगोपाल गौशाला के संरक्षक हैं और इसके साथ गौरक्षा से जुड़ा एक संगठन भी चलाते हैं।


पाटिल के साथ आजतक के मीडियाकर्मी अपनी पहचान छिपा कर मिले तो सच कुछ और ही सामने आया। पाटिल ने न सिर्फ बीफ़ ले आने ले जाने के कारोबार के लिए हामी भरी बल्कि इसे सुरक्षित ढंग से करने की जिम्मेदारी लेने का आश्वासन भी दिया। गौरतलब है की जब गाय की सुरक्षा करने का पाखंड रचने वाले ये गौरक्षक ही गौ मांस का व्यापार करेंगे तो इन पर कोई शक कैसे करेगा और ये लोग कैसे पकड़े जाएंगे।


पाटिल भी उन्ही गौरक्षकों में से एक है, जो दिन में गौरक्षा के नाम पर लोगों पर हमले करता है और रात में पैसे लेकर एक जगह से दूसरी जगह बीफ़ सुरक्षित रवाना करता है। पाटिल जैसे कई और गौरक्षक खुलेआम गौमांस तस्करी के व्यापार में लगे हैं। लेकिन सरकार इसपर कोई सवाल नहीं उठाती। क्यूंकि उन्होंने इन लोगों को गौरक्षक होने और लोगों पर हिंसा करना का ठेका जो दे रखा है।


इस स्टिंग ने गोरक्षकों का यह दूसरा चेहरा लोगों के सामने लाया है। हिन्दू धर्म के रखवाले बने ये हिंदूवादी संगठन अपनी खानपान की संस्कृति दूसरों पर थोपेंगे और दूसरी तरफ कालाबाजारी को भी बढ़ावा देंगे। गौरक्षकों की ये गुंडई पूरी तरह से गरीब लोगों के लिए है। अगर आप पैसे वाले हैं, पैसा फेंके और गौरक्षक दल आपकी सेवा के लिए हाजिर हो जाएगा।

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