पटना: बिहार में वर्ष 2015 में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए महागठबंधन का सफर करीब दो साल के बाद थम गया है।नीतीश कुमार ने बुधवार(26 जुलाई) की शाम को राज्यपाल से मुलाकात कर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन महागठबंधन की सरकार से इस्तीफे के तुरंत बाद ही नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ मिल गया और 24 घंटे के भीतर ही नीतीश ने गुरुवार(27 जुलाई) को दोबारा से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बता दें कि, नीतीश कुमार छठी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने हैं, वहीं सुशील मोदी बिहार के उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
लेकिन इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने अब विधानसभा में बहुमत पेश करने की चुनौती है। उन्हें 28 जुलाई को विधानसभा में बहुमत पेश करना है। सुशील मोदी ने बीजेपी और जेडीयू के पास 132 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है, लेकिन नीतीश की पार्टी जेडीयू में लगातार बगावत के सुर दिखाई दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नीतीश की पार्टी जेडीयू के 71 में 18 विधायक राष्ट्रीय जनता दल(RJD) का समर्थन कर सकते हैं। ख़बरों के मुताबिक, इनमें से 11 विधायक यादव समुदाय से हैं और 5 विधायक मुस्लिम हैं ओर वहीं दो अन्य विधायक भी आरजेडी के संपर्क में हैं। आज तक की ख़बर के मुताबिक, पार्टी विधायक बिजेंद्र यादव ने कहा कि बिहार की जनता ने नीतीश और लालू को एक साथ चुना था, अब नीतीश के पास सबसे बड़ी चुनौती बहुमत की ही है।