अभी-अभी: AAP कार्यकर्ताओं का हल्ला बोल, CM हाउस से LG हाउस तक मार्च

Update: 2018-06-13 13:35 GMT

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली सरकार के अधिकारियों की आंशिक हड़ताल खत्म कराने की मांग पर राष्ट्रपति कार्यालय से हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हुए इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आंदोलन में अन्य राजनीतिक दलों से भी समर्थन मांगा है। साथ ही 'आप' ने इस बात की भी पेशकश की है कि अगर अधिकारी अपनी हड़ताल खत्म करते हैं तो पार्टी केजरीवाल से आंदोलन खत्म करने का अनुरोध करेगी। इस बीच अपने आंदोलन के और धार देते हुए आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने आप नेता संजय सिंह की अगुवाई में एलजी आवास की तरफ मार्च किया। मार्च के दौरान आप नेताओं ने भाजपानीत केंद्र सरकार पर दिल्ली सरकार के कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाया।           



आप' के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि अधिकारियों की चार महीने से जारी हड़ताल को खत्म कराने की मांग को लेकर केजरीवाल सहित दिल्ली सरकार के चार मंत्री राजनिवास में तीन दिन से धरना दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल अनिल बैजल केजरीवाल की मांग सुनने के लिए तीन दिन में तीन मिनट का भी समय नहीं निकाल सके। दिल्ली में इसे आपातस्थिति मानते हुए मैंने राष्ट्रपति से दिल्ली और पंजाब के सभी विधायकों एवं सांसदों के साथ मिलने का समय मांगा है। सिंह ने हड़ताल पर नहीं होने के अधिकारियों के दावे को गलत बताते हुए कहा कि अधिकारियों ने लिखित में यह बताया है कि वे मुख्यमंत्री और मंत्रियों द्वारा बुलाई गई बैठकों में नहीं जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह सब अहंकार से लबरेज मोदी सरकार के इशारे पर उपराज्यपाल द्वारा कराया जा रहा है। इस दौरान आप नेता अतिशी मरलीना ने कहा कि अधिकारियों की हड़ताल और केजरीवाल सरकार के आंदोलन से उपजी स्थिति का समाधान निकालने के लिए आज आईएएस एसोसिएशन लिखित में मंत्रियों के निर्देशों का पालन करते हुए सरकारी बैठकों में हिस्सा लेने का आश्वासन दें तो पार्टी केजरीवाल और अन्य मंत्रियों से आंदोलन खत्म करने का अनुरोध कर सकती है।        

संजय सिंह ने कहा कि अगर अधिकारी हड़ताल वापस नहीं लेते हैं तो आज शाम चार बजे आप कार्यकर्ता सीएम आवास से राजनिवास तक शांति मार्च करने के साथ ही आंदोलन को तेज करेंगे। उन्होंने बताया कि इस मामले में सपा, राजद, रालोद, भाकपा, माकपा और जदएस सहित अन्य दलों के नेताओं से केजरीवाल के आंदोलन को समर्थन देने के लिए बात बात चल रही है। सिंह ने कहा कि सभी दलों के नेताओं ने समर्थन का भरोसा दिया है।         



इस बीच राजद के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने मुख्यमंत्री आवास आकर केजरीवाल सरकार के आंदोलन को समर्थन देते हुए उपराज्यपाल के रवैये को अलोकतांत्रिक बताया। झा ने केजरीवाल सरकार की पूर्ण राज्य की मांग को जायज बताते हुए कहा कि दिल्ली के नागरिकों को पंगु सरकार नहीं चाहिए। जहां तक तीन दिन से जारी केजरीवाल के आंदोलन का सवाल है तो इस प्रकरण में उपराज्यपाल महज एक कठपुतली हैं, इसकी डोर किसी और के हाथ में है।               



रालोद के नेता जयंत चौधरी ने भी केजरीवाल के आंदोलन को जायज बताया। चौधरी ने ट्वीट कर कहा कि सरकार द्वारा नियुक्त अधिकारी तीन दिन में पांच मिनट, जनता द्वारा निर्वाचित मुख्यमंत्री के लिए नहीं निकाल सकता? बिना केन्द्र सरकार के इशारे और शरण के ये संभव नहीं। ये शासन की विफलता है, यह केजरीवाल का नहीं जनादेश का अपमान है। 

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