कर्नाटक‌‌: नाराज दलितों ने अमित शाह को दिखाए काले झंडे

Update: 2018-02-28 10:03 GMT

बेंगलुरु। कर्नाटक के चुनावी दौरे पर पहुंचे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को रविवार को कालाबुर्गी में उस समय विपरीत परिस्थति का सामना करना पड़ा जब दलित समुदाय के लोगों ने अमित शाह का विरोध करते हुए उन्हें काले झंडे दिखाए। अमित शाह कर्नाटक की तीन दिवसीय यात्रा के तहत बीदारस, गुलबर्गा और यादगीर जिले की यात्रा का कार्यक्रम था । इस यात्रा के दौरान शाह कालाबुर्गी में अनुसूचित जाति के श्रमिकों की एक सार्वजनिक सभा को संबोधित कर रहे थे। एनवी कॉलेज परिसर में प्रवेश करने के दौरान दलित संघर्ष समिति (डीएसएस) के सदस्यों ने शाह के काफिले का रास्ता रोकने की कोशिश की और काले झंडे दिखाए। दलित संघर्ष समिति के सदस्य केंद्रीय मंत्री अनंत हेगड़े के संविधान के खिलाफ दिए बयान को लेकर विरोध जता रहे थे। इसके बाद जैसे ही जनसभा में शाह ने बोलना शुरू किया, दलित संगठन के कुछ सदस्यों ने नारे लगाने शुरू कर दिए और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को काले झंडे दिखाए। इस घटना के फौरन बाद पुलिस ने 10 लोगों को हिरासत में ले लिया गया । बाद में जनसभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कांग्रेस की संस्कृति है। उनकी यही स्टाइल है, इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है। शाह ने कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार को गैरजिम्मेदार, असंवेदनशील करार देते हुए कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान राज्यभर में 3,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है, लेकिन मुख्यमंत्री तुष्टीकरण की राजनीति में व्यस्त हैं।                    


अनंत हेगड़े ने क्या कहा था:                 

केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्यमंत्री हेगड़े ने कहा था कि भाजपा 'संविधान बदलने के लिए' सत्ता में आई है। कर्नाटक में कोप्पल जिले के कुकनूर में एक कार्यक्रम के दौरान हेगड़े ने कहा था, लोग धर्मनिरपेक्ष शब्द से इसलिए सहमत हैं, क्योंकि यह संविधान में लिखा है। इसे (संविधान) बहुत पहले बदल दिया जाना चाहिए था और अब हम इसे बदलने जा रहे हैं. जो लोग खुद को धर्मनिरपेक्ष कहते हैं, वे बिना माता-पिता से जन्मे की तरह हैं।

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