धार। मध्य प्रदेश के चिखल्दा गांव में अनशन कर रही नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर और 11 अन्य लोगों पर पुलिस ने बर्बर लाठीचार्ज करने के बाद गिरफ्तार कर लिया है। लाठीचार्ज में कई लोगों के घायल और कुछ लोगों के बेहोश होने की खबर है। नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ी हिमशी का कहना है कि, ''सोमवार शाम करीब 6 बजे अनशन स्थल पर भारी संख्या में आई पुलिस अनशनकारियों को जबर्दस्ती गिरफ्तार करने लगी। पुलिस ने मेधा दीदी को खीचकर गाड़ी में बैठाना चाहा। इसका वहां उपस्थित लोगों और नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया।'' इसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। लाठीचार्ज में मुबंई निवासी नेहा घायल होकर बेहोश हो गईं।
लाठीचार्ज में कई लोगों को चोटे आई हैं। हिमशी का कहना है कि, '' पुलिस ने मेधा पाटकर समेत सात अनशनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। मेधा की हालत नाजुक है। जबकि बाकी बचे पांच अनशनकारियों में एक महिला बेहोशी की हालत में पहुंच गई हैं।'' अनशन स्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि करीब एक हजार से ज्यादा पुलिस बल ने अनशन स्थल को घेर लिया था। पुलिस किसी भी तरीके से मेधा का अनशन तुड़वाना चाहती थी। इसमें विफल होने पर पुलिस ने जोर-जबर्दस्ती करना शुरू कर दिया। यह अलग बात है कि पुलिस बल के साथ महिला पुलिस भी थी। पुलिस अनशनकारियों को गाड़ी में लादकर लेकर चली गई। सरकार ने नहीं दिखाई गंभीरता सरदार सरोवर के डूब प्रभावितों का धरना रविवार को 12 वें दिन भी जारी रहा। पुलिस लाठी चार्ज के पहले 11वें दिन मध्य प्रदेश सरकार ने बेमन से अनशनकारियों से बातचीत का नाटक किया।
शनिवार को मुख्यमंत्री के प्रतिनिधिमंडल में आए इंदौर कमिश्नर संजय दुबे और मुख्यमंत्री के अपर सचिव बी चंद्रशेखर ने कहा था कि स्थायी पुनर्वास और डैम न भरने का फैसला मुख्यमंत्री स्तर से ही होगा। शनिवार को मेधा ने अनशन खत्म करने की अपील करने आए भय्यु महाराज के साथ आए मुख्यमंत्री के प्रतिनिधिमंडल को लौटा दिया था। रविवार रात केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने ट्वीट कर मेधा से अनशन खत्म करने की अपील की। हालांकि मेधा ने अनशन खत्म करने से इनकार कर दिया था। उमा ने अपने ट्वीट में लिखा था कि- मेधा जी, मैं आपका बहुत सम्मान करती हूं, आप मेरी गुरू हो। मैं आपके लिए चिंतित हूं और आपसे अनुरोध करती हूं कि अपना अनशन तोड़िए। इसके कुछ देर बाद ही मेधा ने ट्वीट कर जवाब दिया- उमा जी हम भी आपका सम्मान करते हैं।
कई मुलाकातों में वस्तुस्थिति से अवगत कराया है, हमारी अपेक्षा है मां नर्मदा को बचाने की लड़ाई मेंसाथ दें। हम चाहेंगे आप घाटी में आकर देखें कि पुनर्वास स्थलों की स्थिति, क्या सच है क्या झूठ है। एनडब्ल्यूडीटी अवॉर्ड की पूरी अवहेलना है और कुछ नहीं। लेकिन आपकी ओर से कोई ठोस कदम नहीं दिखा। आज भी जब हम बैठे हैं, आपसे अपेक्षा है अपना धर्म निभाने की। सच्चाई के साथ खड़े होने की। एक अन्य ट्वीट में मेधा ने लिखा- इतनी मुलाकातों के बावजूद भी नर्मदा के गम्भीर मुद्दों पर आप चुप रही है, केंद्र में मंत्री होकर भी असमर्थ दिख रही हैं। इससे और निराशा है हमें। नर्मदा अवॉर्ड की पालन की जन्मेदारी एनसीए की है। यह आपके मंत्रालय में है लेकिन अपनी जिम्मेदारी पूरी नहीं कर रहा है।