नई दिल्ली: लगातार पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं, उसे देखते हुए ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट ने देशव्यापी हड़ताल का फैसला लिया है। ट्रक मालिकों और ऑपरेटरों ने डीजल की बढ़ती कीमतों और थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम में वृद्धि के खिलाफ अनिश्चतकालीन राष्ट्रव्यापी हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के कारण रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना है। बता दें, कि पेट्रोल के बढ़ते दाम के कारण मोदी सरकार पर उत्पादन शुल्क घटाने का दबाव बढ़ा है। पिछले चार सालों में मोदी सरकार 11 बार पेट्रोल और डीज़ल एक्साइज ड्यूटी बढ़ा चुकी है। इस दौरान अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम कम थे। लेकिन अब जब अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के पहले के मुकाबले बढ़े हैं तो सरकार उस तेज़ी से एक्साइज ड्यूटी नहीं घटा रही है।
हाल में संपन्न हुए कर्नाटक चुनाव के बाद केंद्र सरकार ने लगातार 16 दिन तक पेट्रोल-डीजल के दाम बढाएं थे। ऑल इंडिया कन्फेडरेशन ऑफ गुड्स व्हिकल्स ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष चन्ना रेड्डी ने आईएएनएस को बताया, डीजल की बढ़ती कीमतों और थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम में वृद्धि के खिलाफ आज सुबह अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हुई। तत्काल प्रभाव से लगभग 90 लाख ट्रकों के सड़क से दूर रहने की उम्मीद है और देशभर में लगभग 60 फीसदी से ज्यादा ट्रक सड़कों पर नहीं उतरेंगे। रेड्डी ने कहा, सरकार का तर्क यह है कि ईंधन की कीमत में वृद्धि अंतर्राष्ट्रीय कीमतों के कारण हुई। लेकिन हमें लगता है कि मूल्य वृद्धि का कारण अंतर्राष्ट्रीय कीमतें नहीं बल्कि केंद्र और राज्यों द्वारा लगाए गए उच्च कर हैं।
डीजल की कीमतों और पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में शामिल करने की मांग करते हुए पश्चिम बंगाल ट्रक ऑपरेटर एसोसिएशन के संयुक्त सचिव सजल घोष ने कहा कि राज्य में हड़ताल को लेकर अच्छी प्रतिक्रिया मिली है, जहां लगभग 3.5 लाख ट्रक सड़कों से नदारद हैं। रेड्डी कहा कि इसके अलावा ट्रक मालिकों ने बीमा नियामक विकास प्राधिकरण से थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम में कटौती करने का भी अनुरोध किया है।