NEET EXAM: पारदर्शिता के नाम पर उत्पीड़न, महिला परीक्षार्थियों के उतरवा दिए अंडर गारमेंट्स:पढ़ें पूरी खबर

Update: 2017-05-08 06:21 GMT
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नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) में चीटिंग रोकने के नाम पर छात्राओं के उत्पीड़न के मामले सामने आ रहे हैं . केरल के कन्नूर में हुई वो बेहद शर्मनाक है. नीट परीक्षा में सुरक्षा जांच के दौरान एक लड़की को बेहद शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा. लड़की को कथित रूप से एग्जाम हॉल में घुसने से पहले इनरवेयर उतारने को कहा गया. महिला सुरक्षाकर्मियों ने लड़की से अंडरगारमेंट्स उतारने को कहा, ताकि यह पता किया जा सके कि उसके पास कोई चीटिंग की सामग्री नहीं है.


लड़की ने आरोप लगाया कि प्रशासन के सख्त ड्रेस कोड के कारण अन्य लड़कियों को भी इसी शर्मनाक स्थिति से गुजरना पड़ा. परीक्षा के बाद लड़की ने मीडियाकर्मियों को इस घटना के बारे में बताया. बच्चों के साथ इस तरह की हरकत से अभिभावक भी काफी गुस्से में हैं. लड़की की मां ने कहा, 'मेरी बेटी एग्जाम सेंटर में गई. थोड़ी ही देर में वह लौटकर आई और उसने मुझे ब्रा दी. वो उससे सिर्फ इसलिए उतरवा दी गई, क्योंकि उसमें मेटल का हुक लगा हुआ था. फिर में करीब ढाई किलोमीटर दूर से एक लाइट कलर का लोअर खरीदकर लाई, क्योंकि डार्क कलर के कपड़े पहनने की भी इजाजत नहीं थी.



कन्नूर के एग्जाम हॉल में परीक्षा देने आई बाकि की लड़कियों के साथ कुछ इस तरह का ही व्यवहार किया गया. इनसे उनकी जींस के बटन हटाने को कहा गया. इसके बाद उन्हें नई ड्रेस खरीदकर लानी पड़ी. आईएएनएस के बातचीत में लड़की के पिता ने बताया कि उन्हें एग्जाम सेंटर से 3 किलोमीटर दूर एक कपड़े की दुकान पर उसके लिए एक पैंट खरीदकर लानी पड़ी. उन्होंने बताया, उसने जींस पहनी हुई थी. चूंकि उसमें जेबें और लोहे के बटन थे, इसलिए उसे उतारने को कहा गया. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक हालात ऐसे थे कि एग्जाम सेंटर के आसपास के इलाकों में लोगों ने एग्जाम देने आई लड़कियों को कपड़े पहनने के लिए दिए, ताकि लड़कियों का एग्जाम छूटने न पाए.


आप को बता दें की देशभर के 103 परीक्षा केन्द्रों पर 7  मई को मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए हुई थी. इसमें 11 लाख 35 हजार 104 स्टूडेंट शरीक हुए थे. यह पिछले साल इसी परीक्षा में शामिल हुए छात्र-छात्राओं की संख्या से 41.42 फीसदी ज्यादा था. नकल की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए सीबीएसई ने काफी सख्त गाइडलाइंस जारी की थीं. नियम के मुताबिक उम्मीदवारो को जूते पहनने की मनाही थी. केवल चप्पल ही पहनने की इजाजत दी गई थी. गर्ल्स स्टूडेंट्स साड़ी के बजाए साधारण सूट या जीन्स टी-शर्ट वह भी बगैर किसी तस्वीर या प्रिंट वाली पहन सकती थीं.

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