सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एमएलसी की सदस्यता को रद्द करने को लेकर एक याचिका दायर की गई. याचिकाकर्ता वकील मनोहर लाल शर्मा ने अपने याचिका में नीतीश कुमार के खिलाफ पटना जिले के बाढ़ इलाके में 1991 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक कांग्रेस कार्यकर्ता सीताराम सिंह की गोली मारकर हत्या करने का पटना हाईकोर्ट में मुकदमा चल रहा है.
निजी तौर पर दायर की याचिका: एमएल शर्मा
याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि नीतीश कुमार के खिलाफ आपराधिक मामला कोर्ट में चल रहा है और इस कारण वे किसी भी संवैधानिक पद पर आसीन नहीं हो सकते हैं. ऐसे हालात में, नीतीश जो कि विधान परिषद के सदस्य हैं, उनकी सदस्यता को रद्द करने की मांग की गई है. मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि उन्होंने यह याचिका आरजेडी के कहने पर नहीं बल्कि निजी तौर पर दायर की है.
RJD ने की नीतीश के इस्तीफे की मांग
वहीं दूसरी तरफ आरजेडी ने भी नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है. नीतीश के खिलाफ चल रहे हत्या के इसी मामले को आधार बनाकर लालू प्रसाद की पार्टी ने नीतीश कुमार से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देने को कहा है. आरजेडी के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने सोमवार को प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि तेजस्वी यादव के खिलाफ सिर्फ बेनामी संपत्ति अर्जित करने को लेकर प्राथमिकी दर्ज की गई थी और इसी को आधार मानकर नीतीश ने उनका इस्तीफा मांगा था. वहीं नीतीश के खिलाफ आपराधिक मामला चल रहा है और ऐसे मैं उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
मामले में स्पीडी ट्रायल की मांग
जगदानंद सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि नीतीश कुमार अपराध के सबसे बड़े पोषक और संरक्षक रहे हैं. आरजेडी के तरफ से मांग थी कि 1991 में सीता राम सिंह, जिनकी हत्या हुई, उनके परिवार को आज भी न्याय की आस है. ऐसे में नीतीश कुमार के खिलाफ चल रहे केस में तेजी आनी चाहिए और स्पीडी ट्रायल भी कराया जाना चाहिए.