नई दिल्ली। बिहार के मुख्यमंत्री पद से शपथ देने के कुछ ही घंटे बाद यह ऐलान हो गया कि नीतीश कुमार एकबार फिर बिहार के मुख्यमंत्री होंगे। बीजेपी के समर्थन के साथ आज सुबह 10 बजे वह मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नीतीश के साथ सुशील मोदी भी उपमुख्मंत्री पद की शपथ लेंगे। सूत्रों के मुताबिक दोनों दलों के 13-13 विधायक भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। खबर है कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। विधानसभा में बहुमत परीक्षण के लिए राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने 28 जुलाई का समय दिया है। बता दें कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के इस्तीफे पर राजद-जदयू में बढ़ती तकरार को देखते हुए नीतीश ने बुधवार देर शाम राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी को अपना इस्तीफा सौंप दिया, जिसे मंजूर कर लिया गया। इधर नीतीश के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान कर दिया। पटना में सुशील मोदी ने कहा कि बीजेपी नीतीश कुमार को बिना शर्त समर्थन करेगी। मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू और बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई जिसमें नीतीश कुमार को विधायक दल का नेता चुना गया। नीतीश कुमार और सुशील मोदी ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया।
नीतीश ने लालू पर साधा निशाना
गौरतलब है कि नीतीश ने इस्तीफे के बाद लालू यादव समेत पूरे विपक्ष पर जोरदार हमला भी बोला। नीतीश कुमार ने कहा कि वह अपनी तरफ से कोशिश कर थक गए, लेकिन तेजस्वी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर आरजेडी ने तस्वीर नहीं साफ की। हालांकि नीतीश कुमार के इस इस्तीफे के पीछे माना जा रहा है कि इसकी नींव बीते साल से ही उस वक्त रख दी गई थी। जब उन्होंने पहली बार नोटबंदी के मसले पर पीएम मोदी का समर्थन किया था। इसके बाद पटना साहिब में दोनों की मुलाकात और फिर हाल में मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को समर्थन देकर वह भाजपा के करीब आ गए थे। तभी से ये कयास लगाए जा रहे थे कि बिहार का महागठबंधन अब ज्यादा दिनों की मेहमान नहीं है।
नोटबंदी पर किया था समर्थन
जब पूरा विपक्ष नोटबंदी के खिलाफ सरकार को घेर रहा था, ऐसे में नीतीश ही थे, जिन्होंने पीएम के इस कदम की सराहना की थी।इस साल गुरु गोविंद सिंह जी की 350 वीं जयंती के मौके पर पीएम मोदी 5 जनवरी को प्रकाश उत्सव में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे थे। ऐसे में मोदी की सुरक्षा की कमान खुद नीतीश कुमार ने संभाली थी। दोनों ने इस मौके पर एक-दूसरे की जमकर तारीफ की थी।
शपथ ग्रहण में पहली पंक्ति में नजर आए थे नीतीश
विपक्ष से अलग रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद के लिए समर्थन देने का फैसला कर नीतीश हाल में भाजपा के करीब आ गए थे। इसकी बानगी तब देखने को मिली, जब कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह में उन्हें भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ पहली कतार में जगह दी गई थी।