इंदौर। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता राम जेठमलानी ने रविवार को इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस से मिलिए कार्यक्रम में जेठमालानी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वित्तमंत्री जेटली पर भी जमकर बरसे। जेठमलानी ने बेहद तल्ख लहजे में प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री पर कमेंट किए। देश बदलने का दावा करने वाले मोदीजी दिन में 4 बार कपड़े बदल रहे हैं, वो सिर्फ जुमलेबाजी करते हैं और उन्ही लोगों के बीच घिरे है जो कांग्रेस के वक्त सक्रिय थे। उन्होंने जेटली पर झूठ बोलने का आरोप भी लगाया। चर्चा के दौरान लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अब तीसरा मोर्चा ही एकमात्र विकल्प, पश्चिम बंगाल की CM सबसे ईमानदार नेता हैं और वे ही थर्ड फ्रंट का नेतृत्व करेंगी। जेठमलानी ने कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी दोनों दलों के नेता भ्रष्टाचारी हैं। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं का असली मकसद जनता को लूटना है। वर्तमान में देश के बड़े-बड़े नेताओं को देश और जनता से कोई लेना देना नही है। काला धन मामले में जेठमलानी ने कहा कि इस मामले में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में PIAL दायर की थी।
इस मामले में कांग्रेस के सभी नेता चुप्पी साधे बैठे थे। मैने इस संबंध में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और बलवीर पुंज से मदद मांगी थी, क्योंकि कांग्रेस तो देश का पैसा लेकर भागे लोगो की मदद कर रही थी, विपक्ष से उम्मीद थी। अगर ये लोग पत्र दे देते तो देश का धन लेकर विदेश भागने वाले बेनकाब हो जाते, दुर्भाग्य है कि इन नेताओं ने साथ नहीॆ दिया और मनमोहन सिंह ने जर्मनी के साथ द्विपक्षीय समझौता कर लिया। इस समझौते के तहत कोई जानकारी अब सार्वजनिक नहीॆ हो सकती। देश के साथ धोखे में कांग्रेस भाजपा दोनों समान रूप से शामिल हैं। जेठमलानी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देश का सबसे ईमानदार नेता बताया। उन्होंने कहा कि ममता के नेतृत्व में थर्ड फ्रंट बनेगा।
यही फ्रंट जनता की उम्मीदों को पूरा करेगा। सुप्रीम कोर्ट में चल रहा केस फाइनल स्टेज पर था। साल 2011 में मोदी मेरे पास आए और इस लड़ाई में सहयोग करने की पेशकश की। मुझे अच्छा लगा, केस से जुड़े फिगर के साथ उन्होंने माहौल बनाया, खुद की छवि चमकते रहे पर असल काम नही किया। वो भी देश को लूटने वालो के साथ खड़े है। अमित शाह पर कटाक्ष करते हुए जेठमलानी ने कहा कि वे ईमानदार है। उन्होंने हिम्मत दिखा कर कह तो दिया कि जनता के खाते में 15 लाख रुपए का वादा सिर्फ चुनावी जुमला था।