प्रणब मुखर्जी, नानाजी देशमुख और भूपेन हज़ारिका भारत रत्न से सम्मानित
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका के बेटे तेज़ हज़ारिका और नानाजी देशमुख के क़रीबी रिश्तेदार वीरेंद्रजीत सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया.
नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, भारतीय जनसंघ के दिवंगत नेता नानाजी देशमुख और दिवंगत गायक भूपेन हजारिका को गुरुवार को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न प्रदान किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका के बेटे तेज हजारिका और नानाजी देशमुख के करीबी रिश्तेदार वीरेंद्रजीत सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया. हजारिका और देशमुख को यह सम्मान मरणोपरांत दिया गया है.
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मालूम हो कि संघ से जुड़े नानाजी देशमुख पूर्व में भारतीय जनसंघ के साथ थे. अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था. इसी दौरान भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालंबन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए पद्म विभूषण सम्मान भी दिया था. वहीं राष्ट्रपति बनने से पूर्व प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे. वह संप्रग सरकार के दोनों कार्यकालों में महत्वपूर्ण पदों पर रहें. वहीं संगीतकार भूपेन हज़ारिका असम के मूल निवासी थे. वह असम के सदिया इलाके में वर्ष 1926 में पैदा हुए थे.
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उन्हें पद्मभूषण सम्मान भी मिल चुका है. अपनी मूल भाषा असमी के अलावा उन्होंने हिंदी, बंगला समेत कई अन्य भारतीय भाषाओं में गाने गाए. राष्ट्रपति भवन के भव्य दरबार हॉल में आयोजित समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कई केंद्रीय मंत्री, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल समेत गणमान्य लोग उपस्थित रहे. भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल आदि क्षेत्रों में उल्लेखनीय काम करने को लेकर यह सम्मान दिया जाता है. इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने की थी. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को पहला भारत रत्न दिया गया था.