शरद यादव के मंच से राहुल का मोदी पर तीखा हमला- 'जहां भी जाते हैं, झूठ बोल जाते हैं पीएम'

Update: 2017-08-17 10:05 GMT

नई दिल्ली. जेडीयू के बागी नेता शरद यादव द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सख्त तेवर दिखाई दिए. राहुल ने बीजेपी-आरएसएस को निशाने पर लेते हुए कहा कि तिरंगे को तब तक सलामी नहीं दी गई जब तक सत्ता नहीं मिली. साझी विरासत बचाओं सम्मेलन में राहुल ने कहा कि आरएसएस चुनाव नहीं जीत सकती इसलिए हर संस्था में अपनों की नियुक्ति करवा रही है. राहुल ने किसानों के मुद्दे पर भी सरकार को घेरा और कहा कि किसानों की आत्महत्या से सरकार को फर्क नहीं पड़ता है. राहुल ने कहा कि देश को देखने के दो तरीके हैं, एक कहता है कि देश मेरा है, एक कहता है कि मैं इस देश का हूं, ये फर्क है हम में और आरएसएस में. आरएसएस कहती है कि देश हमारा है, तुम इसके नहीं हो. राहुत ने गुजरात में उना का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात में दलितों की पिटाई की गई और कहा गया कि तुम इस देश के नहीं हो. हाल में, गुजरात दौरे पर गए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर हमला हुआ था.


राहुल ने उस हमले से जोड़कर भी बात की और कहा कि गुजरात में बीजेपी के लोगों ने मुझपर पत्थर फेंके. मैंने सोचा उनसे बात कर लूं लेकिन मैं रुकता इससे पहले वो भाग चुके थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया और रोजगार पर सवाल उठाते हुए राहुल ने कहा कि हमें स्वच्छ भारत नहीं, सच भारत चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि पीएम जहां जाते हैं, कुछ न कुछ झूठ बोल जाते हैं. आरएसएस पर राहुल ने कहा कि संघ ने तिरंगे को सलामी देना सत्ता में आने के बाद सीखा. आरएसएस जानती है कि उसकी विचारधारा के साथ भारत में वह चुनाव नहीं जीच सकती है. वो अपने लोगों को हर संस्थान में बिठा रहे हैं. संविधान में लिखा है कि एक शख्स, एक वोट.


जो संविधान देता है उसको आरएसएस नष्ट करना चाहता है, संविधान बदलना चाहता है. राहुल के निशाने पर केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली भी रहे. राहुल ने कहा कि जेटली जी लोकसभा में कहते हैं कर्जा माफ हमारी पॉलिसी नहीं है, किसान मर जाए कोई फर्क नहीं पड़ता. राहुल ने कहा कि बीजेपी ने सत्ता में आने के लिए झूठे वादे किए. न तो युवाओं को रोजगार मिला और न ही वन रैंक वन पेंशन.


बता दें कि शरद यादव ने देश की साझा विरासत को बचाने के उद्देश्य से इस सम्मेलन का आयोजन किया है. यादव ने कहा कि बैठक में कांग्रेस, लेफ्ट, एसपी, तृणमूल कांग्रेस, बीएसपी और एनसीपी सहित कई विपक्षी दलों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं. उनके इस आयोजन को जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ गठबंधन करने के फैसले के खिलाफ शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है.

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