लखनऊ: जदयू में सुलह समझौते की सभी संभावनाएं लगभग समाप्त हो गई है.बिहार में भाजपा से गठबंधन करने से नाराज शरद गुट ने शनिवार को पटना में होने वाली पार्टी कार्यकारिणी का बहिष्कार करने का फैसला किया है. साथ ही इसके समानांतर अलग से अपनी बैठक करने का ऐलान किया है.राज्यसभा में जदयू के उपनेता रहे अली अनवर अंसारी और पार्टी महासचिव पद से हटाए गए अरुण श्रीवास्तव ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि शरद गुट पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा करने के लिए जल्द ही चुनाव आयोग का रुख करेगा.श्रीवास्तव ने कहा,हम पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होकर अपना पक्ष रखना चाहते थे लेकिन पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार ने बिना नोटिस हमें पद से हटा दिया गया.
इसलिए अब हमनें कार्यकारिणी का बहिष्कार करने का फैसला किया है.हम पटना में अपना सम्मेलन खुद करेंगे.उन्होंने दावा किया कि नीतीश कार्यकारिणी की बैठक पटना के मौर्य होटल में करने वाले थे लेकिन हमारी आलोचना के बाद आयोजन स्थल को बदलकर मुख्यमंत्री का आवास कर दिया. श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री आवास पर सम्मेलन करना सत्ता का दुरुपयोग है,श्रीवास्तव ने दावा किया कि शरद यादव का नेतृत्व वाला धड़ा ही असली जदयू है,क्योंकि 14 राज्यों के पार्टी प्रदेश अध्यक्ष शरद के साथ हैं. उन्होंने कहा,इनमें से छह-सात अध्यक्ष गुरुवार को नई दिल्ली के कंस्टीट्यूशनल क्लब में शरद यादव की ओर से आयोजित साझी विरासत कार्यक्रम में भी शरीक हुए थे.शेष प्रदेश अध्यक्षों ने भी संदेश देकर समर्थन और नहीं आने का कारण स्पष्ट किया है.