लालू यादव के परिवार पर आरोपो की बौछार करने वाले भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी पर भी सूबे में बतौर उपमुख्यमंत्री रहते शहर के वक बेहद कीमती भूखंड को कब्जाने का संगीन आरोप है। आप को बता दें कि सुशील मोदी 24 नवम्बर 2005 से 16 जून 2013 तक सूबे के डिप्टी सीएम के पद पर रहे है। इसी कार्यकाल के दौरान सुशील मोदी पर लोदीपुर स्थित बैप्टिस्ट चर्च की ज़मीन कब्जा कर बेटे के नाम पर कंपनी का गठन कर सुपर मार्केट बनाने के आरोप लग रहे है। सनद रहे कि पटना राजधानी पटना के लोदीपुर में चर्च की बेशकीमती जमीन पर कब्जा कर सुपर मार्केट का निर्माण करने के मामले में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी की भूमिका सामने आयी है।
इस बहुमंज़िली सुपर मार्केट का निर्माण ताबड़तोड़ जारी है। इस सुपर मार्केट का निर्माण मेसर्स उत्कर्ष स्फ़टिक प्राइवेट लिमिटेड करा रही है जो मेसर्स अम्बुजा सिमेंट कंपनी से संबद्ध है। विदित हो कि सुशील मोदी के दो बेटे हैं। बड़े बेटे का नाम उत्कर्ष तथागत है।वही छोटे का नाम अक्षय अमृतांशु है। वहीं विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मेसर्स उत्कर्ष स्फ़टिक प्राइवेट लिमिटेड के हिस्सेदारों में सुशील मोदी के भाई महावीर मोदी भी हैं। ये वही महावीर मोदी हैं जिनके उपर राजेंद्र नगर में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर का मकान जबरन हड़पने का आरोप तब लगा था।
सनद रहे कि ये पहली बार नही है जब चर्च की जमीन पर मॉल बनाने को लेकर आरोप प्रत्यरोप का दौरान न चला हो। वही बात अगर बैपटिस्ट यूनियन चर्च बनाम उत्कर्ष स्फटिक लिमिटेड की बात करे तो पूर्व में राजद के सीनियर लीडर और वर्तमान में वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भी वर्ष 2011 के अगस्त महीने में प्रेस वार्ता आयोजित कर चर्च की जमीन माफिया द्वारा जबरिया इसे अंगुस स्कूल प्रिंसिपल रही सलोनी मुंडु को अगवा करके कब्जा करने का आरोप लगाया था।
वही अगर उत्कर्ष स्फटिक लिमिटेड की बात करे तो कंपनी यह कंपनी 4 जुलाई 2012 से ही इस सुपर मार्केट के निर्माण में लगी है। लोदीपुर स्थित ज़मीन पर जहां उत्कर्ष स्फटिक सुपर मार्केट बना रहा है। इस जमीन के बाबत कंपनी कहती है कि यह ज़मीन कंपनी द्वारा 8 दिसम्बर 2008 में पूरी कानूनी प्रक्रिया को पूरा करते हुए बैप्टिस्ट मिशनरी सोसाइटी से खरीदी गई है। साथ ही अपने दावे के बाबत उनका दावे को पुख्ता आधार देते हुए बताया गया कि कुल 7.52 एकड़ जमीन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के परमिशन लेकर खरीदी गई। साथ ही उनका दावा है कि सोसाइटी की ज़मीन को बेचने की पवार ऑफ अटॉर्नी असित घोष को मिली थी जो सोसाइटी के प्रतिनिधि है।
वही सूमो द्वारा अपने पद का दुरुपयोग कर अपने बड़े बेटे के नाम पर कंपनी बनाकर कर निर्मणा कार्य करने के लग रहे आरोपो के बाबत विरोधियों का कहना है कि चर्च की ज़मीन खरीदने और जबरिया कब्जा कर उत्कर्ष स्फटिक द्वारा निर्माणकार्य की शुरुआत के दौरान तमाम आरोपो और प्रत्यारोपो के बीच जो सबसे बड़ी बात है वह यह है कि ये सभी आरोप सुशील मोदी के उपमुख्यमंत्री रहते ही लगे।