पूर्व विदेश मंत्री और दिग्गज भाजप की नेता सुषमा स्वराज का (Sushma Swaraj) आज दिल्ली में अकस्मात् निधन हो गया। वो 67 साल की थीं। बता दें कि, दिल का दौरा पड़ने के बाद मंगलवार रात करीब 10 बजकर 15 मिनट पर उन्हें दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में भर्ती कराया गया था। उनके अचानक निधन से भारतीय राजनीति में शोक का माहौल फ़ैल गया है।
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उनकी मौत पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए लिखा, "श्रीमती सुषमा स्वराज जी के दुखद निधन से मुझे गहरा आघात लगा है। उन्होंने हमेशा मुझे बड़ी बहन का स्नेह दिया और संगठनात्मक सलाह देकर राजनीतिक अभिभावक का फ़र्ज़ निभाया। भारतीय राजनीति में मज़बूत विपक्षी और पूर्व विदेश मंत्री के तौर पर उनकी भूमिका को सदैव स्मरण किया जाएगा।" उन्होंने आगे लिखा, "उनके निधन से देश की, पार्टी की और व्यक्तिगत मेरी अपूर्तीय क्षति हुई है। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे । ॐ शांति।"
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अपने निधन से चंद घंटे ही पहले उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को ट्वीट कर धरा 370 को हटाए जाने पर मुबारकबाद दी थी। उन्होंने लिखा था, "प्रधान मंत्री जी – आपका हार्दिक अभिनन्दन. मैं अपने जीवन में इस दिन को देखने की प्रतीक्षा कर रही थी" प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सुषमा स्वराज के निधन पर शोक जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, 'भारतीय राजनीति का एक गौरवशाली अध्याय खत्म हो गया। एक ऐसी नेता जिन्होंने जन सेवा और गरीबों का जीवन संवारने के लिए अपनी जिंदगी समर्पित कर दी, उनके निधन पर भारत दुखी है। सुषमा स्वराज जी अपनी तरह की इकलौती नेता थीं, वह करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा की स्रोत थीं।'
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अमित शाह ने अपने ट्वीट में लिखा, "सात बार लोक सभा सदस्य और तीन बार विधानसभा सदस्य रहीं सुषमा जी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री और केन्द्रीय मंत्रिमंडल में विभिन्न दायित्व निभाये। लोक सभा में विपक्ष की नेता के रूप में सुषमा स्वराज जी भाजपा की मुखर आवाज बनी। उनके रूप में हमने एक विरले, सरल व सादगीपूर्ण नेता खोया है।" एक अन्य ट्वीट में अमित शाह ने लिखा, "सुषमा स्वराज जी का निधन भाजपा और भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। मैं समस्त भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से उनके परिजनों, समर्थकों व शुभचिंतकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूँ। ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिर शान्ति प्रदान करे। ॐ शांति शांति शांति।"
सुषमा स्वराज मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री थीं। वह अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री रही थीं। 16वीं लोकसभा में वह मध्य प्रदेश के विदिशा से सांसद चुनी गई थीं। लेकिन इस बार उन्होंने खराब स्वास्थ्य की वजह से चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था। विदेश मंत्री रहते हुए वह सोशल मीडिया पर शिकायतों को सुनने और उनके निपटारे के लिए काफी लोकप्रिय थीं।