तमिलनाडु: वेदांता ग्रुप की स्टरलाइट यूनिट के खिलाफ पीड़ित जनता का प्रदर्शन, प्रसाशन बना जनरल डायेर, फायरिंग में 12 लोगों की मौत

Update: 2018-05-23 07:20 GMT

चेन्नई : तमिलनाडु का तू्तीकोरिन (ट्यूटीकोरिन) एक बार फिर युद्धभूमि बन गया है। यहां के वेदांता की स्टारलाइट यूनिट (कॉपर प्लांट) से हो रहे प्रदूषण के खिलाफ पिछले 100 दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन मंगलवार सुबह को पुलिस अधीक्षक कार्यालय को घेरने के दौरान अचानक प्रदर्शन हिंसक हो गया। जिस पर उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठियां चलाईं और फायरिंग की। जिसमें 12 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई, जबकि 60 घायल हो गए हैं।




 


बता दें कि तूतीकोरिन में पिछले 20 साल से कॉपर यूनिट चल रही है। जिससे होने वाले प्रदूषण से लोग लंबे समय से परेशान हैं और प्रदर्शन करते आ रहे थे। मार्च 2013 में इस प्लांट से गैस भी लीक होने पर जयललिता ने इसे बंद करने के आदेश भी दिया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यही नहीं राज्य सरकार ने टीएनपीसीबी से पिछले साल पर्यावरण नियमों का पालन नहीं करने के लिए कंपनी को रिन्यूअल न देने की अपली की। जिस पर आगमी 6 जून को सुनवाई होगी। प्लांट के खिलाफ लोगों के विरोध के बावजूद कंपनी ने इसी मार्च में 4 लाख टन सालाना स्टारलाइट कॉपर प्रोजेक्ट का ऐलान किया। जिसके बाद स्थानीय लोग भड़क गए और प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट घेराव का आह्वान किया था, जो हिंसा का रूप ले लिया।                   




 

समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी ने कहा कि तूतीकोरिन में वेदांता समूह की इकाई स्टरलाइट इंडस्ट्रीज इंडिया लिमिटेड के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ ''पुलिस कार्रवाई'' में प्रदर्शनकारी मारे गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने घटना की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी क्षेत्र में निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर कलेक्ट्रेट की तरफ जुलूस निकाल रहे थे। मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव ही नहीं किया, बल्कि उनके वाहनों तथा कलेक्ट्रेट में खड़े वाहनों को भी आग लगा दी। बता दें कि पलानीस्वामी के पास गृह मंत्रालय भी है। उन्होंने कहा, ''पुलिस को लोगों के जानमाल की रक्षा के लिए अपरिहार्य परिस्थितियों में कार्रवाई करनी पड़ी क्योंकि प्रदर्शनकारी बार-बार हिंसा कर रहे थे, पुलिस को हिंसा रोकनी थी।'' मुख्यमंत्री ने कहा, ''मुझे यह जानकार दुख हुआ कि इस घटना में दुर्भाग्य से नौ लोग मारे गए।'' उन्होंने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना और सहानुभूति व्यक्त की।


पलानीस्वामी ने कहा कि उन्होंने हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के तहत एकल सदस्यीय आयोग के गठन की घोषणा की जो घटना की जांच करेगा। मुख्यमंत्री ने घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल लोगों को तीन-तीन लाख और मामूली रूप से घायल लोगों को एक-एक लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने घटना में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों से एक-एक व्यक्ति को योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी देने का भी आश्वावसन दिया। मुख्यमंत्री ने तूतीकोरिन के जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि वह घायलों का उचित उपचार सुनिश्चित करे। वेदांता समूह के स्वामित्व वाले संयंत्र को प्रदूषण संबंधी चिंताओं को लेकर बंद करने की मांग कर रहे लगभग पांच हजार लोग मंगलवार को पुलिस से भिड़ गए तथा वाहनों और सार्वजनिक संपत्ति को आग लगा दी।

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