नई दिल्ली, 19 अगस्त :देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। आम चुनावों के बाद अब तक जीतने भी राज्यों में चुनाव हुए हैं सभी में उसकी पराजय हुई है। आये दिन गठबंधन सहयोगी तथा स्वयं पार्टी के अनेक नेता साथ छोड़ते जा रहे हैं। ऐसे में पार्टी के भविष्य के संभावनाओं पर ग्रहण लगता जा रहा है। इसी क्रम में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। प्रियंका गांधी को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलों के बीच राहुल गांधी के करीबी और कांग्रेस समन्वय केंद्र के सदस्य आशीष कुलकर्णी ने इस्तीफा दे दिया है।अपने तीन पन्ने के भेजे इस्तीफे में कुलकर्णी ने कहा कि प्रियंका गांधी के प्रमोशन की अफवाहें पार्टी के ही ऐसे नेता फैला रहे हैं, जो 2014 की करारी हार का कारण नहीं बता पा रहे।
आशीष ने ये भी कहा कि अब वही लोग हार का सारा ठीकरा राहुल पर फोड़ना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने पार्टी में वंशवाद बढ़ने के भी आरोप लगाए। खैर आशीष के ये आरोप नए नहीं है, कांग्रेस के कई नेता इसी तरह के आरोप लगाकर पार्टी से किनारा कर चुके हैं। खास बात ये है कि कांग्रेस अपने ही नेताओं के इन आरोपों को गंभीरता से नहीं ले रही है। यही कारण है कि कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। वहीं, कुलकर्णी ने कांग्रेस को हिंदू विरोधी पार्टी बताया। इससे साफ़ है कि उनका झुकाव हिन्दूवादी एजेंडे की तरफ है।
हालांकि, ये कहना जल्दबाजी होगा कि आशीष भाजपा में शामिल हो रहे हैं। लेकिन भाजपा की रणनीति ऐसी रही हैं कि इससे इंकार भी नहीं किया जा सकता है। पिछले लोकसभा से लेकर हालिया विधानसभा चुनावों तक जिन नेताओं ने कांग्रेस का हाथ छोड़ा भाजपा ने उन सभी को गले लगा लिया। इसके साथ ही कुलकर्णी ने पार्टी पर मध्यमार्गी विचारधारा से भटकने का आरोप लगाते हुए कहा, कांग्रेस अब विचारधारा के तौर पर खुद को वामपंथ के नजदीक ले जाने लगी है और पार्टी कश्मीरी अलगाववादियों का समर्थन करने लगी है। उन्होंने जेएनयू में चल रहे कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों का समर्थन करने और तुष्टीकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया।