राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) गठबंधन की दरकती दीवारों में एक और दरार दिखने के संकेत मिले हैं। एनडीए के साथी पार्टियों के बगावती तेवरों के बीच लोकजनशक्ति पार्टी प्रमुख और केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी बीजेपी को अपनी छवि सुधारने की सलाह दी है। उन्होंने माना है कि मोदी सरकार को अल्पसंख्यक विरोधी छवि सुधारने की दरकार है। पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। रामविलास पासवान ने कहा कि केंद्र की सरकार के बारे में अफवाह फैलाई जा रही है कि यह अल्पसंख्यक विरोधी खासकर मुस्लिम विरोधी सरकार है। सरकार को अपनी नीतियों में बदलाव करने की जरूरत नहीं है लेकिन खुद के बारे में इस धारणा को बदलने की जरूरत है। रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार को अधिक विनम्र होकर काम करने की जरूरत है। प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय मंत्री से पूछा गया कि गिरिराज सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि वह ईद नहीं मनाते हैं, इस पर आपका क्या कहना है।
तो पासवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि संविधान ही मेरा धर्म है और यह सेक्युलरिजम के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में अगर कोई इसके अलावा भी कुछ बोलता है तो गलत संदेश जाता है। इसलिए अल्पसंख्यकों के प्रति परसेप्शन को बदला जाना जरूरी है। बीजेपी के नेताओं को इस विषय पर विचार करना ही होगा। पासवान ने इशारों ही इशारों में बीजेपी को भविष्य की राजनीति के संकेत दे दिए। उत्तर प्रदेश और बिहार के उपचुनावों में मिले झटकों पर उन्होंने कहा कि लोगों को भूलना नहीं चाहिए कि बिहार और उत्तर प्रदेश में जातीय समीकरण विकास पर भारी पड़ते हैं। पार्टियों को उत्तर प्रदेश और बिहार की सोशल बनावट के बारे में जानना चाहिए। a