बिहार की सियासत पर टिकीं हैं नजरें, लालू की 'स्वाभिमान रैली' से राष्ट्रिय राजनीति में आयेंगे यह परिवर्तन!

Update: 2017-08-08 09:37 GMT

नई दिल्ली- बिहार में पिछले दिनों से चल रही उठापटक के बाद एकबार फिर से सियासी घमासान तेज होने वाला है। बीजेपी और नीतीश विरोधी गठबंधन की पार्टियों के लिए 27 अगस्त अहम दिन है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाज यादव के पास विपक्ष के खिलाफ अभियान छेड़ने का मौका है। हालांकि, बीजेपी में नीतीश कुमार की 'घर वापसी' से अब लालू यादव की 'स्वाभिमान रैली' का महत्त्व और बढ़ गया है, लालू के पास अवसर है की 2019 से पहले बिखरे हुए विपक्ष को एक मंच पर ला कर खड़ा कर दें।               


लालू यादव की तैयारियां पूरी                 

आरजेडी की ओर से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय अहम नेताओं को लालू ने न्योता भेजा है। उधर, बीजेपी ने भी इस रैली को नाकाम करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।                 


लालू ने झोंकी ताकत                 

लालू अपनी इस रैली को सफल बनाने में पूरी ताकत लगा रहे हैं। लालू विपक्ष के हर बड़े नेता को अपने पाले में कर बीजेपी को अपनी ताकत भी दिखाने के प्रयाय में हैं। इसके लिए सोशल मीडिया साइट्स पर कैंपेन के लिए कई गाने भी लिखे गए हैं। उधर, राज्य के पूर्व डेप्युटी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव 9 अगस्त से बिहार की यात्रा पर निकलेंगे।                 


नीतीश कुमार और बीजेपी के खिलाफ अभियान                       

यह नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ सरकार बनाने के खिलाफ और 27 अगस्त की रैली को सफल बनाने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि तेजस्वी यादव का बतौर राजनेता यह अपने बल पर पहला राजनीतिक अभियान है। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इस रैली से ही तेजस्वी यादव का राजनीतिक भविष्य तय होगा। कि जनता किस तरह की प्रतिक्रिया देती है। वहीं इस रैली के मद्देनजर लालू प्रसाद भी अगले हफ्ते सोनिया गांधी सहित विपक्ष के दूसरे नेताओं से मिलने वाले हैं। 

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