लखनऊ: आखिर इतनी बेशर्मी ये लोग लाते कहा से है ? बनारस पुल हादसे में एफआईआर भी दर्ज हो गयी 48 घण्टे में की जाने वाली जांच भी पूरी हो गयी लेकिन ठेकेदार 'अज्ञात' है, क्या सेतु निगम ने जो कांट्रेक्ट बनाया था क्या उसमे भी 'अज्ञात' ठेकेदार नाम लिखा है क्या गाजीपुर का सेतु निगम खुद रोड़ी गिट्टी सीमेंट खरीद कर पुल बनवा रहा था ?
कोई जाकर पूछताछ क्यों नही करता कि कौन अधिकारी था कोन ठेकेदार था ओर कल को छाती ठोक ठोक कर कहेंगे देखा 1 पैसे का भ्रष्टाचार नही हुआ अरे तुम कुछ बताओगे ही नही तो पता चलेगा कैसे ? मीडिया को इस कदर खरीद लिया गया है कि कोई रिपोर्टर कोई संपादक इस विषय पर कुछ लिखने को तैयार ही नही है, बहुत खोजने की कोशिश की लेकिन कुछ मिला ही नही 17 से 18 मई के बाद से इस विषय मे किसी ने जाँच पड़ताल करने की जरूरत ही नही समझी.
ख़बर को इस तरह दबाया जा रहा है कि जैसे कुछ हुआ ही नही हो सेतु निगम का एमडी तो बोल चुका है कि पुल हादसे की वजह आंधी तूफान है, जो जाँच समिति की रिपोर्ट के बाद 2 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है. हो गया केस खत्म.