नई दिल्ली : गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुई 30 से ज़्यादा बच्चों की मौत की ख़बर पर देश भर में गुस्सा है लेकिन यूपी सरकार का कहना है कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई. यूपी के मुख्यमंत्री योगी ने मीडिया के सामने आकर कहा कि तथ्य को मीडिया सही तरीके से पेश करे. गोरखपुर में 30 बच्चों की मौत की खबर भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के अख़बारों में छायी रही. इस खबर को न्यूयार्क टाइम्स के साथ साथ वाशिंगटन पोस्ट सहित कई अख़बारों ने प्रकशित किया. यही नहीं इस खबर को पाकिस्तान के अख़बार डॉन और अलजजीरा ने भी अपनी वेबसाइट पर प्रमुखता से प्रकशित किया है.
अमेरिकी अख़बार न्यूयार्क टाइम्स लिखता है कि भारत का स्थान उन देशों में सबसे टॉप में आता है जो अपनी जीडीपी पर सबसे कम खर्च करते हैं. साथ ही यह भी लिखा है कि ''भारत में हर साल इंसेफेलाइटिस का प्रकोप सामान्य बात हो चली है. जो सैकड़ों लोगों कि जान ले लेती है. खासकर मानसून के मौसम में। यह अक्सर दूषित भोजन या पानी, मच्छर के काटने के कारण होता है। अख़बार ने डाक्टरों की कमी को भी इसकी वजह बताया है. वॉशिंगटन पोस्ट ने इस घटना को बताया नरसंहार दूसरे बड़े अमेरिकी अख़बार वॉशिंगटन पोस्ट ने इस घटना को नरसंहार बताया है. अखबार ने It's a massacre': At least 30 children die in Indian hospital after oxygen is cut off शीर्षक लिखा है.
अख़बार ने अपनी खबर को नावेल विजेता कैलाश सत्यार्थी को कोट किया है. लिखा है, ''30 बच्चों की मौत ऑक्सीजन नहीं होने की वजह से हुई है. यह कोई त्रासदी नहीं बल्कि सामूहिक हत्या है. आज़ादी के 70 साल होने का मतलब हमारे बच्चों के लिए क्या है?''
गोरखपुर हादसे पर आपात बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- हर बच्चे की मौत पर दुख है और पीड़ित परिवार के साथ सांत्वना है। ये बहुत संवेदनशील मुद्दा था, जिस पर ध्यान दिलाने के लिए मीडिया का शुक्रिया लेकिन मीडिया को चाहिए की जनता के हित में सही आंकडे प्रकाशित करें।
मेरे लिए यह भावनात्मक मुद्दा है क्योंकि मैं इसके लिए 1998 से लड़ रहा हूं। किसी को इस मामले में खिलवाड़ करने की इजाजत नहीं है: #UPCM
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) August 12, 2017