नई दिल्ली। 15 अक्टूबर 2016 को दिल्ली की प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) से लापता हुए छात्र नजीब अहमद का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। नजीब अहमद की गुमशुदगी का मामला दिल्ली पुलिस के क्राइम ब्रांच के बाद हाईकोर्ट ने मई 2017 में जांच के लिए सीबीआई को सौंप दिया था। सीबीआई ने हाईकोर्ट में पेश फाइनल स्टेटस रिपोर्ट में कहा है कि वह नजीब को ढूंढ पाने में नाकाम रही है और अब इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट लगाए जाने की अनुमति मांगी है। जस्टिस एस. मुरलीधर व जस्टिस विनोद गोयल की खंडपीठ के समक्ष सीबीआई ने नजीब की तलाश से जुड़ी जांच में स्टेटस रिपोर्ट फाइल कर कहा इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जाएगी।
याचिकाकर्ता व नजीब की मां फातिमा नफीस ने उन्हें स्टेटस रिपोर्ट की कॉपी दिलवाने व दोबारा जांच की मांग की है। याची के वकील कोलिन गोंजालविस ने कहा कि सीबीआई ने इस मामले में उचित व निष्पक्ष जांच नहीं की है। मामले में संदिग्ध छात्र एबीवीपी से जुड़े हैं। इसलिए सीबीआई अपने आकाओं के इशारे पर उन्हें बचा रही है। यह बात इससे साफ हो जाती है कि अपहरण जैसे मामले में सीबीआई ने संदिग्ध छात्रों को हिरासत में लेकर पूछताछ तक नहीं की। याची के वकील ने कहा कि न तो इस मामले से जुड़े संदिग्ध छात्रों से पूछताछ नहीं की गई और न ही उस ऑटो चालक से कोई पूछताछ की गयी जिसके बारे में कहा जा रहा है कि वह अपने ऑटो से नजीब को जेएनयू से ले गया था।
गौरतलब है कि नजीब की गुमशुदगी के एक वर्ष के दौरान यह मामला जांच के लिए पहले दिल्ली पुलिस के पास था। नजीब को तलाशने के लिए दिल्ली पुलिस ने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। एसआईटी को इस मामले में कोई सुराग न मिलने के बाद यह मामला दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को सौंप दिया गया। नजीब की गुमशुदगी पर दिल्ली पुलिस के काम से असंतुष्टि ज़ाहिर करते हुए लापता छात्र नजीब की मां फातिमा नफीस ने हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और उन्ही की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है। फातिमा ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह जेएनयू के माही-मांडवी छात्रावास से 15 अक्तूबर, 2016 को लापता बेटे का पता लगाने के लिए आदेश जारी करे। नजीब की गुमशुदगी के बाद से जेएनयू के छात्रों ने कई धरने और विरोध प्रदर्शन किये लेकिन नजीब की गुमशुदगी पर न सरकार की नींद टूटी है और न ही पुलिस ने कुछ ऐसा कहा जिससे ये माना जाए कि नजीब को तलाश करने की कोशिशें जारी हैं।