उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में एक बड़ा ही आश्चर्यजनक मामला सामने आया है। यहां के मऊआइमा इलाके में बारहवीं की एक छात्रा को कुछ युवकों ने धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया और नाकाम होने पर उसकी आबरू लूट ली, लेकिन हद तो तब हो गई जब इतने पर मनचले युवकों का मन नहीं भरा और अपनी करतूत छुपाने के लिए छात्रा पर चोरी के इल्जाम लगाकर उसे जेल भिजवा दिया। दबंग व राजनीतिक पहुंच के आगे खाकी भी नतमस्तक रही और बिना जांच पड़ताल के नाबालिग छात्रा को जेल भेज दिया। हालांकि यह मामला सोमवार को तब उछला जब देर शाम सत्ताधारी दल के दो विधायक भारी दल बल के साथ किशोरी के घर पहुंचे और उसकी मां से मुलाकात कर पूरी घटना पर जानकारी मांगी। जब किशोरी की मां ने पूरी बात बताई तो विधायकों ने पुलिस अफसरों को मौके से ही फटकार लगानी शुरू कर दी। आनन-फानन में पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और स्थानीय थानेदार की खैर-खबर लेते हुए गैंगरेप करने वाले लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया। देर रात गैंगरेप व धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश करने वाले आरोपी ग्राम प्रधान वाजिद अली उर्फ शेखू समेत मोबाइल दुकानदार अनवर हुसैन को गिरफ्तार कर लिया। सभी के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की जा रही है।
क्या है पूरा मामला
मऊआइमा की रहने वाली कक्षा 12 में पढ़ने वाली छात्रा शनिवार की देर शाम मऊआइमा चौराहे पर स्थित एक मोबाइल की दुकान पर मोबाइल खरीदने गई थी। छात्रा की मां के अनुसार काफी अंधेरा हो जाने के कारण वह परेशान बेटी का इंतजार कर रही थी। मोबाइल दुकानदार अनवर छात्रा को इधर-उधर की मोबाइल दिखाकर काफी देर तक दुकान में रोके रहा और उसकी नीयत बेटी पर खराब हो चुकी थी। उसने छात्रा को अंदर बुलाकर खुद मोबाइल पसंद करने के लिए कहा और धोखे से छात्रा को दूसरे कमरे में बंधक बना लिया। अनवर के साथ ग्राम प्रधान वाजिद अली व उसके साथी भी थे। छात्रा को धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव बनाया जाने लगा और उसे शादी, शानो-शौकत का झांसा और दबाव दिया गया। छात्रा जब नहीं मानी तो अनवर, वाजिद समेत चार लोगों ने छात्रा से गैंगरेप किया।
भिजवा दिया जेल
छात्रा रोती-बिलखती रही और अपनी इज्जत की भीख मांगती रही, लेकिन किसी को रहम नहीं आई। परिजनों ने बताया कि वहशी युवकों को अब यह डर था कि छात्रा जब घर जाएगी और बात खुलेगी तो बवाल हो सकता है। वैसे भी त्यौहार व चुनाव का दौर चल रहा था ऐसे में मामला उछलने की पूरी संभावना थी। इसे देखते हुए ग्राम प्रधान वाजिद अली ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए पुलिस से संपर्क किया और छात्रा को मोबाइल चुराने के आरोप में गिरफ्तार करवा दिया। पुलिस ने भी जांच पड़ताल नहीं की और फौरी तौर पर नाबालिग छात्रा के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया।
छात्रा की मां बेटी के जेल चले जाने से बिफर पड़ी और पुलिस प्रशासन के विरोध व वहशियों की करतूत उजागर कर सजा दिलाने के लिए प्राइमरी स्कूल के बाहर धरने पर बैठ गई । घटना की जानकारी भाजपा नेताओं को हुई तो चर्चित हिंदू नेता व भाजपा ब्लाक प्रमुख सुधीर मौर्य, विश्वनाथगंज प्रतापगढ़ के विधायक डॉक्टर आरके वर्मा, सुल्तानपुर के विधायक सीताराम वर्मा के साथ भारी दल बल लेकर छात्रा के गांव पहुंच गए । गांव पहुंचने के बाद हंगामा मच गया सैकड़ों लोगों की भीड़ मौके पर छूट गई लोगों ने आरोप लगाना शुरु किया कि छात्रा को जबरन चोरी के इल्जाम में फंसा कर जेल भेज दिया गया है।
रोती बिलखती मां को देखकर विधायकों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और मोबाइल पर ही एसपी गंगा पार सुनील कुमार सिंह सीओ जितेंद्र कुमार को फटकार लगाई। आनन-फानन में अधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी लेते रहे। मामले में छात्रा की मां ने गैंगरेप और धर्म परिवर्तन कराने का आरोप लगाते हुए 4 लोगों को नामजद किया। जिस पर अधिकारियों ने थानेदार को फटकार लगाते हुए कार्रवाई का निर्देश दिया और रातों-रात मुकदमा दर्ज कर ग्राम प्रधान वाजिद अली समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनो की गिरफ्तारी के बाद उनके परिजन थाने पहुंच गए और चुनावी राजनीतिक फायदे के लिए षड्यंत्र रचने को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि समय फूलपुर लोकसभा में उपचुनाव चल रहा है और यह मामला फूलपुर लोकसभा क्षेत्र का ही है । भाजपा के इस मामले में हस्तक्षेप के बाद सपा की ओर से भी बयान बाजी शुरू हो गई है। सपा के पूर्व जिला सचिव गुलाम हैदर ने कहा कि चोरी करने पर युवती के विरुद्ध कार्रवाई हुई थी। अब उल्टा शरीफ लोगों पर पुलिस जुल्म ढा रही है। यह चुनाव में राजनीतिक लाभ लेने के लिए पूरा खेल रचा जा रहा है। भाजपा जबरन इस मामले को दूसरा रूप दे रही है। वहीं मामले में भाजपा नेता व ब्लाक प्रमुख सुधीर मौर्या ने बताया कि छात्रा के साथ नाइंसाफी हुई है और हम उसके न्याय की लड़ाई खुद लड़ेंगे। छात्रा को इंसाफ दिलाया जायेगा।
मामले में एसपी गंगा पार सुनील कुमार सिंह ने बताया कि घटना की जानकारी जैसे ही दी गई मौके पर पहुंचा गया और पूरी जानकारी ली गई है। मऊआइमा थाने में तैनात सिपाही शकील अहमद इस मामले में संलिप्त है उसको लाइन हाजिर कर दिया गया है तथा जांच की जा रही है। जबकि मऊआइमा इंस्पेक्टर की भूमिका भी संदिग्ध है और उनकी भी इस मामले में भूमिका की जांच कराई जा रही है । रिपोर्ट मिलने के बाद उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। वहीं सीओ सोरांव जितेंद्र गिरी ने बताया कि छात्रा की मां से बात की गई है। उन्होंने जो तहरीर दी है उसके आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है । जांच की जा रही है। किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होगी। कड़ी कार्रवाई की जाएगी, लोग शांति बनाए रखें।