BJP में बगावत आठ विधायकों ने खोला सीएम के खिलाफ मोर्चा, जानिए क्या है वजह
त्रिपुरा मुख्यमंत्री विप्लव देब की शिकायत करने के लिए कई विधायक दिल्ली पहुंचे हैं। विधायकों का कहना है कि सीएम की कार्यप्रणाली से BJP की छवि खराब हो रही है।
लखनऊ। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के खिलाफ आठ भाजपा विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। दिल्ली में डेरा डाले इन विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से मांग की है कि मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देब को अविलंब पद से हटाया जाए। ये सभी विधायक पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात करने के लिए दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री तानाशाह अंदाज में काम कर रहे हैं। वे राज्य में इतने अलोकप्रिय हो चुके हैं कि उन्हें तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए।
विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाला
त्रिपुरा के विधायक सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व में मुख्यमंत्री विप्लव देब की शिकायत करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। सीएम के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले विधायकों में सुशांत चौधरी, आशीष शाह, आशीष दास, दीवा चंद्र राखल, बर्ब मोहन, परिमल देव और राम प्रसाद पाल शामिल हैं।
मुख्यमंत्री से नाराज विधायक सुशांत चौधरी ने दावा किया कि भाजपा विधायक वीरेंद्र किशोर देब बर्मन और बिप्लव घोष का भी उन्हें समर्थन हासिल है। चौधरी ने कहा कि ये दोनों विधायक भी दिल्ली आने वाले थे मगर कोरोना संकट की वजह से वे नहीं आ सके।
सीएम के रवैये से छवि हो रही खराब
दिल्ली में डेरा डालने वाले इन विधायकों का कहना है कि मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली के चलते त्रिपुरा में भाजपा की छवि खराब हो रही है। ऐसे में राष्ट्रीय नेतृत्व को अविलंब कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री को पद से हटाना चाहिए। साठ सदस्यों वाली त्रिपुरा विधानसभा में भाजपा के 36 विधायक हैं। भाजपा को कुछ और विधायकों का भी समर्थन हासिल है।
पीएम मोदी को अंधेरे में नहीं रख सकते
बागी रुख अख्तियार करने वाले इन भाजपा विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का समय मांगा है। चौधरी का कहना है कि हमारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करने की योजना है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में जो कुछ हो रहा है, उसकी जानकारी प्रधानमंत्री के पास भी होनी चाहिए। उन्हें अंधेरे में नहीं रखा जा सकता।
भाजपा सरकार के सुरक्षित होने का दावा
दूसरी ओर मुख्यमंत्री देब के करीबी नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मानिक शाह का कहना है कि प्रदेश में भाजपा सरकार पूरी तरह सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि 7 या 8 विधायक मिलकर त्रिपुरा सरकार को नहीं गिरा सकते। विधायकों की शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मुझे इन शिकायतों की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर ऐसे मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं की जाती।
संगठन महासचिव से हुई मुलाकात
मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने कहा कि इन विधायकों को संघ के नेता राम प्रसाद पाल का समर्थन नहीं हासिल है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि इन विधायकों की मुलाकात दिल्ली में संगठन महासचिव बीएल संतोष से हुई है। हालांकि संतोष की ओर से इन विधायकों को भी तो कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला है।
संतोष का कहना है कि शीर्ष स्तर पर मौजूदा समय में बदलाव की कोई संभावना नहीं है। उनका कहना था कि ऐसे फैसले तब तक नहीं किए जा सकते जब तक खुद प्रधानमंत्री इस मामले में दखल न दें। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री देब को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन हासिल है।