अभी-अभी: RJD और JDU ने जारी की उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, जानिए किसे कहां से मिला टिकट
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में आज से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान होने लगा है। जदयू और राजद दोनों ने ही अपने प्रत्याशियों को पार्टी का सिंबल देना शुरू कर दिया है। हालांकि दोनों की दल ने अभी आधिकारिक तौर पर लिस्ट जारी नहीं की है लेकिन कुछ उम्मीदवारों को पार्टी का सिम्बल दे दिया है। जदयू का सिंबल सीएम आवास और राजद का राबड़ी आवास पर सिंबल दिया जा रहा है।
आरजेडी से इन्हें मिला सिम्बल :
राजद से भोजपुर के जगदीशपुर से सीटिंग विधायक रामविशुन सिंह लोहिया को सिम्बल दिया है। शाहपुर से सीटिंग विधायक राहुल तिवारी व संदेश के फरार विधायक अरुण यादव की पत्नी किरण देवी को चुनाव में उतारा है। राहुल तिवारी शिवानंद तिवारी के बेटे हैं।
जेडीयू ने इन्हें दिए सिंबल:
♦मसौढ़ी से नूतन पासवान
♦ कुर्था से सत्यदेव कुशवाहा
♦ बेलहर से मनोज यादव
♦नवादा से कौशल यादव,
♦जमालपुर से शैलेश कुमार
♦नोखा से नागेंद्र चंद्रवंशी
♦ जगदीशपुर से कुसुमलता कुशवाहा
♦ रोतहास के करहगर विधानसभा सीट से वशिष्ठ सिंह
♦ मोकामा से राजीव लोचन
♦ बरबीघा से सुदर्शन
♦ झाझा से दामोदर रावत
♦ सूर्यगढ़ा से रामानंद मंडल
भाजपा आज शाम तक कर सकती है ऐलान
वहीं चर्चा है कि भारतीय जनता पार्टी आज शाम तक अपनी पहली लिस्ट जारी कर सकती है। बताया जा रहा है नाम तय हो गए हैं सब ऐलान करना बाकी है। रविवार को दिल्ली में भाजपा संसदीय दल की बैठक भी हुई थी। इसमें खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।
दागी विधायकों को बेटिकट करेगा जदयू
इससे पहले कल नीतीश कुमार ने निर्णय लिया था कि उनका दल किसी दागी विधायक को अपना प्रत्यासी नही बनाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक ऐसे नेताओं तक दल तक सन्देश भी पहुंचा दिया गया है। रविवार की रात करीब आधा दर्जन पार्टी नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह के यहां पहुंचकर अपना पक्ष भी रखा। इनमें डुमराव के जदयू विधायक ददन पहलवान और गोपालगंज विधायक अमरेंद्र पांडेय प्रमुख थे। जानकारी के मुताबिक जदयू डुमराव से ददन की जगह पार्टी प्रवक्ता अंजुम आर को मैदान में उतार रहा है। बहरहाल रविवार की रात जदयू प्रदेश अध्यक्ष के घर कुछ वकील भी बुलाये गए थे। पार्टी के जिन प्रत्याशियों पर कोई मामला दर्ज होगा उन्हें जदयू स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष शपथ पत्र देना होगा और वकील ऐसे शपथ पत्रों की पड़ताल करेंगे ताकि आयोग द्वारा किसी पर्चा पर कोई आपत्ति नही आए।