अवसरवादी BJP : केरल में हथिनी के लिए इंसाफ मांगने वाले आज हाथरस की एक बेटी की मृत्यु पर चुप क्यों?
नई दिल्ली : आज से कई महीने पहले केरल में एक हाथी की मृत्यु हो जाती है। तो सभी बीजेपी नेता उस हथिनी के लिए इंसाफ मांगने लगते हैं और वह इंसाफ क्यों मांगते हैं क्योंकि गोदी मीडिया के चैनलों में यह खबर चलाई गई थी कि कि जहां हथनी का यह मामला हुआ था उसे एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से जोड़ा गया था। और फिर देर किस बात की थी सभी इस हथिनी के लिए इंसाफ मांगने में लग गए। लेकिन अफसोस आज हाथरस की बेटी के लिए यह सभी चुप है।
लेकिन जब यह पता चला कि जिस क्षेत्र में यह हथिनी का मामला जहाँ हुआ है वह मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र का मामला नहीं है। लेकिन इसके बाद भी गोदी मीडिया ने अपने चैनलों में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र से संबंधित खबरें पेश की । मेनका गांधी और स्मृति ईरानी इन दोनों महिलाओं ने हथिनी के इंसाफ के लिए आवाज उठाई। यह दोनों महिलाएं हथिनी के इंसाफ को लेकर लगातार सोशल मीडिया और मुख्यधारा की मीडिया में चर्चाओं में रही।
लेकिन आज यह दोनों महिलाएं उत्तर प्रदेश के हाथरस की बेटी की मृत्यु पर बिल्कुल चुप हैं और जरा गौर से देखिए इनके साथ-साथ गोदी मीडिया के एंकर भी बिल्कुल खामोश हैं। यानी इस बात से बिल्कुल स्पष्ट होता है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता और गोदी मीडिया के एंकर बिल्कुल हाथरस की बेटी की मृत्यु के मामले में बिल्कुल खामोश है। आज यह दोनों महिलाएं एक बेटी के लिए आवाज नहीं उठा पाए।
आज इन दोनों महिलाओं के ट्विटर टाइम लाइन पर जाइए स्क्रॉल करके इनकी ट्विटर प्रोफाइल को देखिए तो आपको नजर आएगा कि हाथरस की उस बेटी के लिए इन्होंने क्या आवाज उठाई है आज यह दोनों महिलाएं हाथरस की इस बेटी के इंसाफ के लिए एक ट्वीट भी नहीं कर पाई । और इनके साथ साथ गोदी मीडिया के एंकर भी ना इस पर रिपोर्टिंग कर पाए और ना ही हाथरस की इस बेटी के लिए एक भी ट्वीट नहीं कर पाए।