हाथरस गैंगरेप : दलित बेटी की चिता जलती रही और योगी की पुलिस खड़ी हंसती रही

Update: 2020-09-30 18:39 GMT

जनशक्ति : उत्तर प्रदेश के हाथरस में दलित युवती के साथ हुई दरिंदगी की पूरी देश निंदा कर रहा है। देश में गुस्सा है और युवती की मौत पर दुख जताया जा रहा है। लेकिन इस घटना के बीच भी उत्तर प्रदेश पुलिस का अमानवीय चेहरा सभी के सामने आ रहा है। मंगलवार की देर रात जब युवती के शव को हाथरस ले जाया गया, तो तमाम विरोध के बाद भी पुलिस ने जबरन उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

इतना ही नहीं, जब हाथरस की निर्भया की चिता जल रही थी। तब पुलिस के कई अधिकारी साइड में खड़े होकर बातें कर रहे थे और ठहाके लगा रहे थे। जो कि दिखाता है कि यूपी पुलिस इस मामले को लेकर कितनी असंवेदनशाल रही। एक ओर तो हाथरस की निर्भया का परिवार बिलख रहा था और इंसाफ की भीख मांग रहा था, तो दूसरी ओर प्रदेश की पुलिस इस तरह गप्पे लड़ा रही थी।

गैंगरेप का शिकार हुई दलित युवती की मौत मंगलवार को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में हुई। देर रात को पुलिस की सुरक्षा के बीच युवती के शव को हाथरस के गांव ले जाया गया। जब पुलिस पहुंची तो आधी रात को भी बड़ी संख्या में भीड़ मौजूद थी, इस दौरान पुलिस का भारी विरोध किया गया। युवती के परिजनों और गांव वालों ने पुलिस ने शव देने की अपील की, साथ ही इंसाफ की अपील की।

लेकिन पुलिस ने परिजनों की एक ना सुनी और किसी को भी युवती के शव के पास नहीं आने दिया और जबरन खुद ही अंतिम संस्कार कर दिया। इतना ही नहीं, यूपी पुलिस ने किसी मीडियाकर्मी को भी पास नहीं आने दिया।

अब एक बार फिर यूपी पुलिस के इस तरह के बर्ताव पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। बता दें कि परिवारवालों की ओर से आरोप लगाया गया है कि पहले पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज नहीं किया था, उसके बाद गैंगरेप की धारा नहीं जोड़ी गई थी।

जब मीडिया में इस मामले को लेकर बवाल शुरू हुआ, तब यूपी पुलिस कुछ एक्शन में आई. अब पुलिस की ओर से कहा जा रहा है कि उसने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने इस मामले को लेकर लखनऊ, हाथरस से लेकर दिल्ली तक विरोध प्रदर्शन किया।

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