BREAKING: हज़ारों की संख्या में पीड़िता के गांव पहुंचे सपा कार्यकर्ता, पुलिस ने किया लाठीचार्ज
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाठीचार्ज और पथराव के बाद कहा कि वो तो देश को बचाने और लोकतंत्र को बचाने आए थे. हमारी बहनों-बेटियों के साथ नाइंसाफी हुई तो उनका दुख कम करने की कोशिश करने में क्या गलत है पर पुलिस ने हम पर लाठियां बरसा दीं. महिलाओं को भी नहीं छोड़ा और उन पर भी लाठी से मारा.
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के हाथरस में बीते शनिवार कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भाई राहुल गांधी के साथ पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी. वहीं आज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा का 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को भेजा जाना था. वहीं पीड़ित परिवार से मिलने सपा का प्रतिनिधिमंडल कार्यकर्ताओं की भीड़ के साथ गांव में पहुंचा. जिसके कारण धारा 144 का उल्लंघन होने के कारण पुलिस को सभी कार्यकर्ताओं को खदेड़ना पड़ा है.
इस दौरान सपा कार्यकर्ता पीड़िता के गांव में नारेबाजी भी कर रहे है. वहीं अब सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस हटा रही है. पूर्व सपा सांसद धर्मेंन्द्र यादव भी इस दौरान कार्यकर्ताओं के साथ मौजूद दिखे. बता दें कि मजिस्ट्रेट ने पहले ही समाजवादी पार्टी के 5 लोगों को ही मिलने की इजाजत दी थी. वहीं धारा 144 के बीच भीड़ के साथ पहुंचे समाजवादी पार्टी के नेताओं को रोका गया है.
समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं का पक्ष
वहीं समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाठीचार्ज और पथराव के बाद कहा कि वो तो देश को बचाने और लोकतंत्र को बचाने आए थे. हमारी बहनों-बेटियों के साथ नाइंसाफी हुई तो उनका दुख कम करने की कोशिश करने में क्या गलत है पर पुलिस ने हम पर लाठियां बरसा दीं. महिलाओं को भी नहीं छोड़ा और उन पर भी लाठी से मारा.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मात्र 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को हाथरस जाने का निर्देश दिया था. वहीं इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूपी सपा अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल कर रहे थे. इस प्रतिनिधिमंडल में रामजी लाल सुमन, धर्मेन्द्र यादव, अक्षय यादव, जुगल किशोर वाल्मिकी, जसवंत यादव, उदयवीर सिंह, संजय लाठर, अतुल प्रधान, राम करण निर्मल, राम गोपाल बघेल को शामिल किया गया था.
इस मामले में पीड़िता के पिता ने सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसे यूपी के सीएम ने मान लिया है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने हाथरस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है. इससे पहले यूपी के डीजीपी और गृह सचिव अवनीश अवस्थी ने पीड़ित परिवार के साथ मुलाकात की थी और उनसे उनकी शिकायतें और मांगें सुनीं. परिवार से मुलाकात के बाद अधिकारियों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने पीड़ित परिवार की सारी मांगों को रखा, जिसके बाद ही यूपी के सीएम ने देर रात सीबीआई जांच के आदेश दे दिए.