बरेली जिले के भोजीपुरा स्थित मकरंदापुर से गुजर रही सड़क की यह तस्वीर पूरे जिले में विकास कार्यों की हकीकत बयां कर रही है। आपको बता दें कि यह रोड भोजीपुरा ब्लॉक मुख्यालय के मकरंदापुर होते हुए रिठौरा तक जाता है। सड़क एक ओर जहां नैनीताल हाईवे को छूती है, वहीं दूसरी ओर पीलीभीत बाईपास पर खत्म होती है। तस्वीर बता रही है कि प्रदेश सरकार को 15 जून को सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की जो रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी की ओर से भेजी गई, उसका हकीकत से कितना वस्ता है।
हालांकि रिपोर्ट कार्ड में बरेली की ज्यादातर सड़कों को गड्ढा मुक्त दिखाकर यहां की सरकारी मशीनरी अव्वल नंबरों से पास हो गई। अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार ने बरेली की सड़कों की मरम्मत के लिए बजट ही नहीं भेजा या फिर सरकारी मशीनरी ने इस तरह की सड़कों को ठीक करने की जहमत ही नहीं उठाई। लोगों का कहना है कि मकरंदापुर की सड़कों की मरम्मत के लिए हर उस अफसर और नेता के दरवाजे पर मत्था टेका गया, जिनसे उम्मीद थी लेकिन बात वही ढाक के तीन पात ही रही। हर तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिला। अब बरसात में ये और इन जैसी कई सड़कें जानलेवा हो गई हैं।
मालूम हो कि योगी सरकार ने जब 15 जून तक सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का ऐलान किया तो बरेली के पीडब्ल्यूडी ने अपने क्षेत्र में पड़ने वाली 100 सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का प्लान बनाकर भेजा। इन सड़कों को चकाचक करने के लिए 102 करोड़ रुपये की मांग की गई। चूंकि प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री बरेल से ही हैं इसलिए यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि बजट में ज्यादा काट-छांट नहीं किया गया होगा। ऐसे में जो रकम भेजी गई, उससे किन सड़कों की मरम्मत हुई? भोजीपुरा क्षेत्र के मकरंदापुर की जिस सड़क की हम बात कर रहे हैं, वह करीब आठ किलोमीटर लंबी है। सड़क पीपलसाना गांव के पास तालाब में तब्दील हो गई है। ताज्जुब की बात यह है कि एक ओर से नैनीताल हाईवे और दूसरी ओर से पीलीभीत रोड को छूने वाली यह सड़क पीडब्ल्यूडी के किसी भी अफसरों की नजर में नहीं आई। जबकि यह रोड दोहना टोल प्लाजा पर भी निकलती है।