योगीराज: 70 लड़कियों के उतरवा दिए कपड़े, पीरियड चेक करने के आरोप: जानिए क्या है पूरा मामला

Update: 2017-07-21 06:13 GMT

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के एक गर्ल्स हॉस्टल में करीब 70 लड़कियों के कथित तौर पर कपड़े उतरवाकर उनकी पीरियड चेक करने का मामला सामने आया था। जिसकी जांच होने के बाद मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन ने गुरुवार(20 जुलाई) को एक आवासीय स्कूल के 12 कर्मचारियों को लड़कियों के साथ बदसलूकी करने के लिए बर्खास्त कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बेसिक शिक्षा अधिकारी चंदर प्रकाश यादव ने बताया कि स्कूल की प्रिंसिपल को खतौली में 29 मार्च को हुई इस घटना के तुरंत बाद ही बर्खास्त कर दिया गया था।




साथ ही उन्होंने बताया कि कई छात्राएं प्रिंसिपल पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आगे आई थी। उन्होंने बताया, सात शिक्षक और एक अकाउंटेंट सहित 12 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया। जांच में यह पाया गया कि ये लोग मासिक धर्म की जांच के लिए जबरन कपड़े उतरवाने के मामले में जिम्मेदार थे। शिक्षा अधिकारी ने बताया कि मजिस्ट्रेट के जरिए यह जांच किया गया है। ख़बरों के मुताबिक, इस मामले को लेकर डीएम ने कहा कि छात्राओं के माता-पिता ने एक शिकायत में आरोप लगाया था कि स्कूल की प्रधानाध्यापक ने लड़कियों को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया था। ऐसा नहीं करने पर उन्हें इसके बुरे नतीजे भुगतने की धमकी भी दी गई थी।



दरअसल यह मामला मुजफ्फरनगर के खतौली थाना क्षेत्र के तिगरी गांव स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का हैं। जहां 30 मार्च को विद्यालय की महिला वॉर्डन सुरेखा तोमर 70 छात्राओं को एक साथ कक्षा में ले जाकर नग्न अवस्था में खड़ा कर कई घंटों तक छात्राओं को पूर्ण निर्वस्त्र रखा था। छात्राओं ने आरोप लगाया था कि स्कूल के टॉयलेट में खून के धब्बे मिले थे, जिसके बाद वॉर्डन ने यह शर्मनाक घटना सिर्फ उनके पीरियड्स का खून चेक करने के लिए किया। इस हरकत के बाद छात्राओं ने स्कूल में जमकर नारेबाजी की थी। इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी चंद्रकेश यादव ने जांच के लिए सात सदस्यों की टीम का गठन किया था।

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