लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज कहा कि भाजपा का नारा 'सबका साथ, सबका विकास' दरअसल समाजवादी नारा है और जनता चाहती है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 'समाजवादी' बनें। अखिलेश ने विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषण के बाद सत्तापक्ष से मुखातिब होते हुए कहा कि आप 'सबका साथ, सबका विकास' की बात करते हैं।
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यह तो समाजवादी नारा है। अब पता नहीं कि मुख्यमंत्री समाजवादी शब्द को मिटाना चाहते हैं या उससे जुडऩा चाहते हैं। जनता चाहती है कि आप समाजवादी बनें। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने जितना अच्छा काम किया था, उतना उससे पहले तक किसी भी सरकार ने नहीं किया था। अब राज्य की मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार के सामने पूर्ववर्ती सपा सरकार से बेहतर काम करने का लक्ष्य होना चाहिये।
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अखिलेश ने कहा कि अब तो उत्तर प्रदेश के साथ-साथ केन्द्र में भी भाजपा की सरकार है। मुख्यमंत्री के पास संसाधनों की कमी नहीं होनी चाहिये। उन्होंनेे कहा ''माल एवं सेवा कर अधिनियम से सरकार का खजाना भर जाएगा। इसके अलावा नोटबंदी की वजह से केन्द्र के पास बहुत पैसा आ चुका है। योगी जी आप अधिकारियों को ज्यादा ना जगाएं, बल्कि केन्द्र से संसाधन लाएं।'' पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि योगी नयी आबकारी नीति, ई-टेण्डरिंग और मेट्रो की बात कर रहे हैं। उनके पास तो इतिहास बनाने का मौका है।
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किसानों की कर्जमाफी को लेकर उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ''आपकी बातें जनता में कुछ और हैं, सदन में कुछ और।'' अखिलेश ने कहा कि उनकी सरकार ने तो लखनउ में मेट्रो परियोजना पूरी करवा दी। अब मुख्यमंत्री योगी झांसी और गोरखपुर में मेट्रो बनवाने की बात कर रहे हैं। हमें इंतजार रहेगा कि यह परियोजना कब पूरी होगी। मुख्यमंत्री योगी के पास अभी समय है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास आगरा-लखनउ एक्सप्रेसवे जैसी सड़क बनाने का वक्त नहीं बचा है। उन्होंने गाय का मुद्दा उठाते हुए कहा, ''उत्तर प्रदेश की जनता के जेहन में सवाल था कि हम गाय कटवा रहे हैं।
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हमारा कहना है कि आप (सरकार) सारे बूचडख़ाने बंद करवा दीजिये और मांस का निर्यात बिल्कुल बंद करवा दीजिये। मगर एेसा नहीं होगा, क्योंकि एेसा करने की आपकी हिम्मत नहीं होगी।'' पूर्व मुख्यमंत्री ने मथुरा के जवाहरबाग काण्ड को लेकर खुद पर लगे आरोपों पर कहा, ''कहा जाता है कि हमने जवाहरबाग में लोगों को बैठा दिया। असल में जवाहरबाग में लोग साधु-संत बनकर बैठ गये थे। हमने अदालत के आदेश के अनुपालन में प्रशासन से कहा था कि जवाहरबाग को शांति से खाली कराना। हम तो साधुआें पर विश्वास करते थे कि वे अच्छे लोग होंगे।'' कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ''आपके (मुख्यमंत्री) लोगों ने जो नफरत फैलायी, सहारनपुर की घटना उसका नतीजा है।
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आपके सांसद और विधायकों ने क्या किया। जरा उसे भी देखा जाए।''अखिलेश ने मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के प्राइमरी स्कूलों में छात्र-छात्राआें की यूनीफार्म का रंग खाकी होने को लेकर सदन में की गयी टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा, ''होमगाड्र्स भी बहुत मेहनत से काम करते हैं। सीमा सुरक्षा बल की यूनीफार्म किस रंग की है। कुछ समय पहले तक तो आपके साथ के कुछ लोग भी नीचे इसी रंग का कपड़ा पहनते होंगे।'' अखिलेश के भाषण के बाद सभापति रमेश यादव ने राज्यपाल के अभिभाषण पर प्रस्तुत संशोधन प्रस्तावों को नामंजूर करते हुए सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिये स्थगित कर दी।