उत्तर प्रदेश: अखिलेश यादव ने की योगी की बोलती बंद,जन्माष्टमी और नमाज़ पर बोलने पर योगी को दिया जवाब!

Update: 2017-08-18 14:36 GMT

नई दिल्ली- सपा सुप्रीमो और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पलटवार किया है.अखिलेश ने योगी पर प्रहार करते हुए पूछा है कि सीएम योगी आदित्यनाथ हमें 100 साल का इतिहास बता दें कि कब जन्माष्टमी नहीं मनी,थाने में पहले भी जन्माष्टमी मनाई गई है और रही बात सड़कों की तो वहां पर केवल नमाज ही नहीं होती बल्कि पर शादी ब्याह,उत्साह और कई त्यौहार जैसे होली भी खेली जाती है. पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी में समाजवादी सरकार जब बनेगी फिर हर थाने को पांच लाख रूपये दिये जाएंगे- होली, दीवाली, ईद,क्रिसमस मनाने के लिये. अखिलेश ने धर्म के नाम पर होने वाली सियासत पर भी सवाल खड़े किए और योगी को डिजिटल सीएम कहकर संबोधित किया,अखिलेश ने प्रेस वार्ता करके जमकर योगी सरकार पर हमला किया और कहा कि आज सड़क पर गाय घूम रही है लेकिन इसकी चिंता योगी को नही है.उन्होंने कहा कि जन्माष्टमी थाने में हमेशा से मनायी जाती रही है, कभी किसी ने एतराज जाहिर नहीं किया तो आज क्यों?                   


क्या कहा था योगी ने?                   

बता दे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था कि उन्होंने पुलिस अधिकारियो से कहा कि सडक पर नमाज़ अदा करने वाले नियम में रहे तो ठीक लेकिन अगर नियम तोड़े तो मुझसे बिना पूछे कार्यवाही कर दे. योगी ने दावा किया कि यदुवंशी कहलाने वाले राजनीतिक परिवार ने कृष्णा जन्माष्टमी पर रोक लगा दी थी,क्योंकि इससे दूसरा समुदाय(मुस्लिम)भड़क जाता. उसकी चिंता के लिए हमारे हिंदू भाइयों की भावनाएं रोकी गई. उनको ठेस पहुचाया गया. हमने आते ही उसे दूर किया. सीएम ने कहा"अधिकारियों को आदेश दिया कि धूमधाम से मनाओ जन्माष्टमी और अभी तक हर थाने में पुलिस लाइन में आयोजन किया गया,लेकिन कोई तिनका तक नहीं हिला,हम जब सरकार में आए तो सबसे पहले अधिकारियों से पूछा कि कावरियों पर प्रतिबंध क्यो है? तो बोले इससे हिंसा होती है." उन्होंने कहा"मैंने कहा जब शिव के लिए जा रहे कावरियों की यात्रा में ढोल नहीं बजेंगे,बैंड नहीं बजेंगे लोग हस्ते नाचते नहीं जाएंगे। ये शव यात्रा हो जाएगी कैसी कावर्ण यात्रा." सीएम ने कहा"अगर रोक लगनी है तो सारे माइक और साउंड पर लगाओ.फिर किसी धार्मिक स्थल की आवाज बाहर नहीं आनी चाहिए. अगर नहीं लगा सकते तो कावरियों पर जो भी प्रतिबंद है, उन्हें हटाओ. पूरे 4 करोड़ कावरियों ने यात्रा की कोई हिंसा नहीं हुई, कोई तिनका तक नहीं हिला."

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