देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के बरेली जिले के विशारतगंज क्षेत्र में कथित रूप से गरीबी से जूझ रही एक महिला ने अपनी बेटी को जहर खिलाने के बाद खुद भी खा लिया। इस वारदात में दोनों की मौत हो गई। समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार(6 जुलाई) को बरेली में बताया कि आंवला तहसील क्षेत्र के अतरछेड़ी गांव में राजवती(60) अपनी बेटी रानी(25) के साथ रहती थीं। राजवती का पति उदयभान और बेटा गांव छोड़कर बाहर चले गये थे। इस वजह से राजवती आर्थिक तंगी से गुजर रही थी। राजवती की दूसरी बेटी रेखा का कहना है कि राजवती ने कल पहले अपने बेटी को जहर दिया और बाद में खुद भी खा लिया। इस वारदात में राजवती की मौके पर ही मौत हो गई।
उन्होंने बताया कि रानी को गम्भीर हालत में बरेली के अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सूत्रों ने बताया कि रेखा ने पुलिस को दी तहरीर में बताया है कि आर्थिक तंगी में उसकी मां ने घातक कदम उठाया है। ग्रामीण उसकी मां की मदद करते थे, लेकिन इन दिनों उनके सामने खाने के लाले पड़ गये थे। गांव के निवासी अधिवक्ता अतुल कुमार सिंह ने बताया कि उनका गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवारों को मिलने वाला राशनकार्ड बना हुआ था, जिसे निरस्त कर दिया गया था। इसके लिए उन्होंने स्वयं ऑनलाइन आवेदन करा दिया था, अभी उन्हें सरकारी राशन आदि नहीं मिल पा रहा था।
इस बीच, बरेली के जिलाधिकारी वीरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि महिला और उसकी बेटी की मौत भूख से नहीं हुई है। आधार कार्ड ना होने के कारण उनका राशन कार्ड निरस्त हो गया था मगर उसे नियमित रूप से राशन मिल रहा था। इस सवाल पर कि जब राशन कार्ड निरस्त हो गया था, तो उन्हें राशन कहां से मिल रहा था, जिलाधिकारी ने कोई जवाब देने से इनकार कर दिया। बता दें कि, इससे पहले यूपी के बुंदेलखंड क्षेत्र के महोबा जिले के घंडुआ गांव में एक दलित की भूख से मौत का मामला सामने आया था।